Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

देश की वित्त मंत्री झूठ बोल रहीं थीं या रिज़र्व बैंक गवर्नर झूठी बातें कर रहे हैं?

रवीश कुमार-

यह बयान 18 फ़रवरी का है। वित्त मंत्री महंगाई पर पूर्ण नियंत्रण की बात कर रही हैं। ढाई महीने बाद रिज़र्व बैंक कहता है कि महंगाई का राज रहेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

RBI ने बैंकों के लिए रेपो रेट बढ़ा दिया है। बैंकों को अब लोन का ज़्यादा बड़ा हिस्सा रिज़र्व बैंक के पास रखना होगा। यानी उनके कैश का बड़ा हिस्सा एक तरह से किसी काम नहीं आएगा। बैंकों पर दबाव बनेगा कि इसकी भरपाई के लिए ब्याज दर बढ़ा दें। होम लोन की ईएमआई आधे प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इस लेख में लता वेंकटेश कहती हैं कि इस बार कंपनियों में दस प्रतिशत की वेतन वृद्धि होने वाली है इसलिए लोग ब्याज दरों का यह झटका सह लेंगे। अब सारा देश तो आई टी सेक्टर में काम नहीं करता और न सभी की वेतन वृद्धि होगी। ख़ैर।

लता लिखती हैं कि महंगाई जितनी लगती है, उससे भी अधिक है। अप्रैल में 7 प्रतिशत से ज़्यादा हो सकती है। संसद के बनाए क़ानून के मुताबिक़ रिज़र्व बैंक को महंगाई की दर चार प्रतिशत तक रखनी है। बहुत से बहुत 6 प्रतिशत लेकिन तीन तिमाही तक 6 प्रतिशत महंगाई रहेगी तब संसद को जवाब देना होगा कि बैंक ने क्या किया। इससे बचने के लिए रिज़र्व बैंक ने अचानक घोषणा कर दी।

अमरीका में भी फ़ेडरल रिज़र्व ने ब्याज दर में वृद्धि की है। डॉलर महँगा होगा। शेयर बाज़ार पर इसका असर पड़ेगा लेकिन वही अर्थव्यवस्था नहीं है। लोग लिख रहे हैं कि अर्थव्यवस्था पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन, जब महंगाई क़ाबू में नहीं आएगी तब जनता के पास ख़र्च के लि पैसे कहाँ से बचेंगे। बहरहाल इसे पढ़ें और दूसरे लेख भी पढ़ें ताकि समझ सकें कि हो क्या रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

निर्यात बढ़ रहा है तो आयात भी बढ़ रहा है। भारत का व्यापार घाटा भी बढ़कर बीस अरब डॉलर हो गया है। क्या तीनों को एक साथ देखा जाना चाहिए या अलग-अलग? निर्यात का बढ़ना भी अच्छी बात है लेकिन, किस चीज़ का निर्यात बढ़ रहा है? इसका अंदाज़ा हो तो समझ में आए कि भारत में बन रहे किस उत्पाद की धूम मच रही है।

ख़बरों में लिखा है कि बड़ी हिस्सेदारी पेट्रोलियम पदार्थों की है। अब एक सवाल कीजिए। पेट्रोलियम उत्पाद का निर्यात सरकारी कंपनी कर रही है या प्राइवेट कंपनी? व्यापार घाटा मार्च की तुलना में कम हुआ है लेकिन संपूर्ण रूप से बढ़ा है। इसका मतलब है कि डॉलर का रिज़र्व घटेगा। इस समय रिज़र्व बैंक के पास पर्याप्त डॉलर है।

अक्षय तृतीया के दिन सोने की ख़रीदारी का रिकार्ड टूटा है। जो रिपोर्ट यहाँ साझा की है उसमें लिखा है कि 25 टन सोना बिकने का अनुमान था क़रीब 22 टन बिका है लेकिन यह 2019 की तुलना में ज़्यादा है। एक कारण यह भी बताया गया है कि जब महंगाई बढ़ती है, शेयर बाज़ार का रिटर्न गिरता है तो लोग सोना ख़रीदते हैं। अगर अमरीका के फ़ेडरल रिज़र्व ने ब्याज दर बढ़ा दिया तब विदेशी निवेशक भारतीय बाज़ार से पैसा निकालेंगे और वहाँ जमा करेंगे। तब भारतीय बाज़ारों में भले गिरावट न आए लेकिन शेयर बाज़ार से रिटर्न गिरेगा। फिर लोग ज़्यादा से ज़्यादा सोना ख़रीदेंगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मैं इन ख़बरों को कम समझता हूँ लेकिन बीच-बीच में पढ़कर लिखने का प्रयास करता हूँ ताकि हिन्दी प्रदेश के पाठक के तौर पर इस क्षेत्र की भी जानकारी मिलती रहे।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement