शम्भूनाथ शुक्ला-
ज्योतिर्मय
एक दुखद सूचना है। धर्म की स्थापना हेतु अवतरित हुए वरिष्ठ पत्रकार और जनसत्ता के पुराने साथी श्री ज्योतिर्मय का आज सुबह नोएडा के कैलाश अस्पताल में निधन हो गया।
अनुरंजन झा-
2020 की एक और त्रासदी, आदरणीय वरिष्ठ पत्रकार, जनसत्ता और अमर उजाला जैसे संस्थानों में अहम जिम्मेदारी निभा चुके Sri Jyotirmay जी हस सबके बीच अब नहीं रहे। एक दशक से ज्यादा समय से हमारे पड़ोसी रहे, इस साल कुछ अच्छा नहीं हो रहा है, मंगलेश जी के बाद जनसत्ता का एक और पुराना स्तंभ ढह गया। ज्योतिर्मय जी बहुत शानदार व्यक्ति थे, हमने कभी उनको किसी से किसी बात पर उलझते नहीं देखा।
जनसत्ता से रिटायर होने के बाद भी अलग अलग संस्थानों में काम करते रहे और एक्टिव रहे। हर सुबह अपने नाती को नीचे स्कूल बस तक छोड़ने आते तो मुलाकात हो जाती, हम कितनी भी जल्दी में रहें इतना वो जरूर पूछते … सर क्या चल रहा है देश में।
छोटे-बड़े किसी को भी आदर से बुलाना उनकी आदत में शुमार था। मैं दफ्तर जाते वक्त अक्सर उनको थोड़ी दूर के लिए लिफ्ट दे देता था ताकि उसके बीच देश दुनिया के बारे में कुछ चर्चा हो जाए। बड़ों का साया एक एक कर उठ रहा है, अंदर से मन रोज और दुखी होता जा रहा है। ईश्वर ज्योतिर्मय जी को अपने चरणों में स्थान दें और उनके सुपुत्र मित्र Vivek Bhatnagar को सपरिवार इस दुख को सहने की शक्ति । विनम्र श्रद्धांजलि सर …
निशीथ जोशी-
अभी अभी वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय जी के नहीं रहने की जानकारी मिली। एक झटका सा लगा। अमर उजाला में ज्योतिर्मय जी ऐसे लोगों में एक थे जिनके पास जाकर बैठ कर कुछ सीखने को ही मिलता था। कभी उनको ऊंची आवाज में बोलते हमने तो नहीं सुना। उनसे बहुत प्रेम और सम्मान मिला। उनको हमने भी हृदय की गहराई से प्रेम और सम्मान दिया। उनके जाने की खबर ने एक खाली पन का अहसास कराया है। मानों कोई करीबी अनंत की यात्रा पर निकल गया। उनको विनम्र श्रद्धांजलि और नमन। ईश्वर और महान गुरुजनों से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को अपने हृदय में स्थान दें और परिजनों को शक्ति।