Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

छूट जाओगे, पर टाइम तो लगेगा, अर्नब!

-विनोद चंद-

तहलका के लिए आशीष खेतान ने बाबू बजरंगी का एक स्टिंग किया था। अगर आप उसे वीडियो को देखें तो आप समझ जाएंगे कि मोदी जी कैसे काम करते हैं। आशीष खेतान पत्रकार हैं फिर आम आदमी पार्टी के नेता रहे। उनने 2002 के गुजरात नरसंहारके संबंध में स्टिंग किया था।

बाबू बजरंगी ने एक भीड़ का नेतृत्व किया था जिसने पुरुषों, महिलाओं, बच्चों को मार डाला और गर्भवती महिलाओं को भी नहीं छोड़ा था। वीडियो में वह कहता है कि गर्भवती महिलाओं का पेट काटकर तलवार की नोंक पर अजन्मे भ्रूण को रखकर उसे महाराणा प्रताप जैसा महसूस हुआ था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

हो सकता है वह फेंक रहा हो पर तथ्य यह है कि उसे इन अपराधों में दोषी ठहराया गया था। उसे बचाने के लिए मोदी अदालतों के जज बदलते रहे। बाबू बजरंगी को यह भरोसा था कि उसे बचा लिया जाएगा। बाबू बजरंगी ने इस बारे में भी कहा है। पहले जज ने उससे कहा था कि अब वह नहीं बचेगा। उस जज को बदल दिया गया। मोदी तब तक जजों को बदलते रहे जब तक उन्हें बाबू बजरंगी को छोड़ने वाला नहीं मिल गया।

और मोदी जी ऐसे ही काम करते हैं। इसलिए प्यारे अर्नब, अब जब इस गंदगी में घुस ही गए हो तो मोदी जी को कुछ समय दो। वे देर सबेर तुम्हारे लिए कोई उपयुक्त जज तलाश लेंगे, तुम्हारा केस वहां ट्रांसफर होगा। सुप्रीम कोर्ट को भी किसी तरह जोड़ा जाएगा और फिर वे तुम्हे बचा लेंगे। यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस बीच बेहतर है कि तुम इस तथ्य को स्वीकार कर लो कि ठीक-ठाक समय जेल में गुजारना है। इसलिए अपना तमाशा मत बनाओ। उससे कोई फायदा नहीं होने वाला। माफीवीरों की पार्टी के नाम को मत खराब करो। रोओ मत। तुम्हे लग सकता है कि जिंदगी खतरे में है पर उसके साथ रहना सीखो। सबसे अच्छा तो यह होगा कि कोने में बैठकर खुद को गरियाओ।

डीजी बंजारा और कई अन्य पुलिसवालों ने आठ साल तक यही किया है तब जाकर एक सीबीआई जज ढूंढ़ा जा सका जो उन्हें आजाद करने के अगले ही दिन रिटायर हो गया। इस बीच बंज़ारा ने एक खत लिखकर मोदी को लगभग फंसा ही दिया था। अब तुम भी ऐसा मत करना। वैसे भी, अब जब तुमने मुसीबत मोल ही लिया है तो अपने आकाओं को कुछ समय दो। वे तुम्हे मुश्किल से जरूर निकालेंगे। पर यह खुल्लम खुल्ला तो नहीं हो सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूरा महाराष्ट्र राज्य दांव पर है और तुमने एक मराठी मानुस का पैसा मार लिया है। उसने अपनी मां के साथ आत्म हत्या कर ली और सुसाइड नोट लिखकर मरा है। उसमें तुम्हारा नाम है। और अब वह पुलिस रिकार्ड का भाग है। तुमने पैसे नहीं दिए उसपर विवाद नहीं है। उसने आत्महत्या की और पैसे नहीं मिलने से ही की उसपर भी विवाद नहीं है।

जब तुम महाराष्ट्र पुलिस और सरकार पर भौंक रहे थे। चुनौती दे रहे थे तो इन परिणामों के बारे में सोचना चाहिए था। सरकार को इतना अधिकार तो है ही। बच्चा-बच्चा जानता है। तुम्हे पता नहीं था?

Advertisement. Scroll to continue reading.

वैसे भी, नेता सत्ता और खुद के अलावा किसी से प्यार करते हैं क्या? अगर तुम्हे पता नहीं था तो गलती तुम्हारी है। तुम मूर्ख हो। पर रोओ मत। कोई फायदा नहीं है। टाइम तो लगता ही है।

Vinod Chand की पोस्ट का अनुवाद।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रस्तुति : संजय कुमार सिंह

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement