सिद्धार्थ तबिश-
जो काम मोदी जैसे कई लोग नहीं कर पाए वो इस नित्यानंद बाबा ने कर दिखाया.. भारत से भाग के अपना देश बनाया और आज उसका पूरा प्रतिनिधिमंडल UN यानि यूनाइटेड नेशंस में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते दिखा.. यानि कैलासा को अलग हिंदू देश की मान्यता मिल गई एक तरह से…
लोग हंस रहे हैं.. हम जैसे कुछ आश्चर्यचकित हैं.. क्योंकि ये बहुत बड़ी बात है.. लोग इसलिए हंस रहे हैं क्योंकि नित्यानंद पर व्यभिचार और बलात्कार का आरोप है भारत में.. ये कितना सच है कितना झूठ हम सबको नहीं पता
मगर जानते हैं इसमें मेरे लिए सबसे मज़ेदार बात क्या है? वो ये है कि जो भी इस बाबा पर बलात्कार और तमाम तरह के सेक्सुअल आरोप की बात कर रहे हैं वो अपने धर्म को बड़ी अच्छी तरह से मानने वाले लोग हैं.. और ये लोग जिन्हें पूजते हैं कभी उनके बारे में ठीक से दिमाग़ खोलकर पढ़ते नहीं हैं.. अगर ठीक से ये पढ़ लेंगे और दिमाग़ लगा कर सोचेंगे तो इन्हे अपने सारे ईष्ट जेल में जाने लायक दिखने लगेंगे.. कोई भी धार्मिक महापुरुष और भगवान के बारे में आप ठीक से पढ़ लीजिए तो वो आपको बलात्कारी, व्यभिचारी और चरित्र का दोषी मिलेगा.. अगर इनमे से कोई भी इस समय होता तो वो जेल में होता और उस पर सौ मुकदमे चल रहे होते
और ऐसे लोग बहुत परेशान जब दिखते हैं दुनिया के मोरल पतन से तो मुझे आश्चर्य होता है.. इस्लाम के मानने वाले जब लोगों को बलात्कार और व्यभिचार की शिक्षा देते हैं तब मुझे हंसी आती है.. क्योंकि इन्होंने कभी अपने धर्म के इतिहास को सीरियसली कभी पढ़ा ही नहीं.. जिन्हें ये अपना आदर्श मानते हैं वो आज इस दुनिया में होते तो उन्हें अब तक फांसी की सज़ा मिल चुकी होती.. मगर ये कैलासा के नित्यानंद को गाली देंगे
तुम लोग कभी आंख खोलकर देखते या समझते भी हो कि जिसे तुम पूजते हो और अपना आदर्श मानते हो वो आज की दुनिया में अगर होता तो जेल में उम्र कैद काट रहा होता.. या उनमें से ज्यादतर तो आज मानसिक अस्पताल में अपने दिमाग़ का इलाज करवा रहे होते.. मानसिक रोगियों और आज के इंसानियत के पैमाने के हिसाब से तुम्हारे पूज्य लोग थर्ड क्लास मानसिकता वाले ही मिलेंगे.. कभी बस उनके बारे में ठीक से पढ़ के देखो.. पढ़ लोगों तो नित्यानंद जैसों को गाली देने से पहले बीस बार सोचोगे
नित्यानंद वो ही कर रहा है जो तुम्हारे ईष्ट लोगों ने किया.. धर्म की उसी तरह रिप्रेजेंट कर रहा है जैसा तुम्हारी किताबों में लिखा है.. बस चूंकि तुम लोग नशे में अपने धर्म का पालन करते हो इसलिए तुम धर्म के साथ आज के मॉडर्न संविधान और कानून को रखकर देखने की कोशिश करते हो.. कानून और UN अगर ठीक से काम करने लगे तो तुम्हारी सारी धार्मिक किताबें और मान्यताएं “बैन” हो जाएंगी
तुम वही शिक्षा जा कर कथा और मजलिस में सुनते हो और उस पर वाह वाह करते हो और कोई जीवित व्यक्ति उन्ही कथाओं का नाट्य रूपांतरण तुम्हारे सामने कर देता है तो तुम्हें पीड़ा होने लगती है.. इसलिए अपनी चीजें पढ़ो, अपनी मान्यताओं को आंख खोलकर देखो.. तुम्हें नित्यानंद अपने ईष्ट के आगे एक प्रतिशत भी दोषी नहीं दिखेगा
इसलिए मिटाना है तो सब कुछ पहले वो मिटाओ जिसे नित्यानंद फ़ॉलो कर रहा है.. नहीं तो ये सब भी ऐसे ही चलने दो और इसे स्वीकार करो जैसे तुम अपने धर्म को चलने दे रहे हो और स्वीकार करते हो
~सिद्धार्थ ताबिश