एचएसबीसी बैंक के स्विट्जरलैंड में कारोबार करने वाली इकाई स्विस प्राइवेट बैंक में गोपनीय खाता रखने वालों और 2009-2007 तक इसमें जमा रकम से जुड़ी जानकारियां लीक हो गई हैं। सूची में 200 देशों के नागरिकों के नाम हैं और इनके खातों में सौ अरब से ज्यादा की रकम जमा है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक चएसबीसी की स्विस शाखा में 1195 भारतीयों के खाते होने का पता चला। यह संख्या 2011 में फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा भारत को सौंपी गई 628 नामों से लगभग दोगुना है। संभावना है कि नए खुलासों के बाद काले धन की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच के दायरे में खासा इजाफा होगा।
एचएसबीसी की इस सूची में देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी, उनके भाई अनिल अंबानी, आनंद चंद बर्मन, राजन नंदा, यशोवर्धन बिड़ला, चंद्रू लक्ष्मण दास रहेजा, दत्ताराज सलगावकर, भद्रश्याम कोठारी और श्रवण गुप्ता। इसमें देश के शीर्ष हीरा व्यवसायियों के नाम शामिल हैं। इसमें कई विदेश में बस चुके हैं पर यहां उन्हीं के नाम दिए जा रहे हैं जिनके पते मुंबई के हैं। इनमें रसेल मेहता, अनूप मेहता, सौनक पारीख, चेतन मेहता, गोविंद भाई ककाड़िया और विपुल शाह के नाम हैं। खातेदारों की सूची में कई राजनीतिज्ञों के भी नाम हैं। यह और बात है कि इनमें से ज्यादातर स्विस खाते होने से इनकार करते रहे हैं। इसमें यूपीए सरकार में मंत्री रहीं प्रणीत कौर, पूर्व कांग्रेस सांसद अन्नू टंडन, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, उनकी पत्नी नीलम नारायण राणे और पुत्र नीलेश राणे, कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री वसंत साठे के परिवारजनों और बाल ठाकरे की पुत्रवधू स्मिता ठाकरे के नाम भी हैं।
प्रवासी भारतीय व भारतीय मूल के नागरिकों के भी नाम हैं। जैसे कि स्वराज पाल, मनु छाबरिया के परिवार के सदस्य, राजेंद्र रुइया/विमल रुइया और नरेश कुमार गोयल। एचएसबीसी का मुख्यालय लंदन में है। जब इस बैंक को खातेदारों के बाबत चल रही वैश्विक जांच की जानकारी दी गई तो पहले तो बैंक ने इस बारे में आइसीआइजे की ओर से जुटाई गई जानकारियों को नष्ट करने पर जोर डाला। लेकिन जब उसे इस रिपोर्टिंग टीम की व्यापक खोजबीन और इससे मिली जानकारियों (106,458 खातेदारों और बड़े नेताओं, हीरा व्यवसायियों, हथियार सौदागरों और ड्रग कार्टेल के सदस्यों से जुड़ी सूचनाओं) के बारे में बताया गया तो एचएसबीसी ने कहा कि हम इस बात को मानते हैं कि एचएसबीसी के स्विस प्राइवेट बैंक में नियमों के पालन व खातेदारों के बारे में तहकीकात में लापरवाही बरती गई। पर उस समय बैंकिंग उद्योग में नियम कानून लचर थे और उनका पालन आज की तरह सख्ती से नहीं होता था। बैंक ने कहा कि अब वह नए सिरे से इस पर ध्यान दे रहा है। इसी का नतीजा है कि 2007 के बाद से एचएसबीसी का स्विस प्राइवेट बैंक अपने 70 फीसद खातेदारों के खाते हटा चुका है।
एचएसबीसी के खाताधारकों की तलाश ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को राष्ट्रीय राजधानी के गोल्फ लिंक, वसंत कुंज और गौतम नगर इलाके तक ले गई। वहीं मुंबई के अधिकांश खाताधारक नेपियन सी रोड से लेकर घाटकोपर तक फैले थे। कुछ खाताधारकों के पते फगवाड़ा, कोटयम, श्रीनगर, लुधियाना और शिमला जैसे छोटे शहरों के हैं। ये दिलचस्प आंकड़े उस सूची में दिए गए हैं, जिनमें सैकड़ों अनिवासी भारतीयों (एनआरआइ) के नाम शामिल हैं। उदाहरण के लिए, 84 साल के एनी मीनाड, जो कि केरल के कन्नूर में पैदा हुए। इनका खाता दुबई में खोला गया था, जिसमें एक लाख 20 डालर की रकम थी। इसके अलावा कुछ रहस्यमय खाताधारक भी हैं, ऐसा ही एक खाता एचजीपी के नाम से है, जो कोलकाता में पैदा हुए किसी ब्रितानी नागरिक का है। स्टेटमेंट में इस व्यक्ति का पता कार्लटन हाउस टेरेस दिया गया है। इस खाताधारक ने बैंक से अनुरोध किया था कि उसके सभी तरह के लेन-देन को सेफ डिपाजिट बॉक्स में रखा जाए। 74 साल के इस व्यक्ति के खाते में 13.35 करोड़ डालर की राशि है। खोजबीन में पता चला है कि इस सूची में 276 खाताधारक ऐसे हैं, जिनके खाते में कम से कम 10 लाख डालर की रकम हैं। इनमें से 85 खाताधारक भारत में ही रहते हैं। इस सूची में सबसे अधिक पैसा जिसके खाते में है, वो हैं कोलकाता में पैदा हुए कपड़ा व्यवसायी महेश टीकम थारानी। वो अब अमेरिका में रहते हैं। उनके खाते में करीब साढ़े नौ करोड़ डालर की रकम थी। इस सूची में जिस व्यक्ति के खाते में सबसे कम पैसा है, वो है गुजरात में पैदा हुए ब्रितानी नागरिक नमन सरवर मलिक है। जिनके खाते में 669 डालर की रकम थी।
इंडियन इक्सप्रेस ने सात अगस्त 2011 को यह खबर छापी थी कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने एचएसबीसी के सात सौ खाताधारकों का विवरण सौंपा है। चूंकि यह मामला कई देशों में फैला था और कर चोरों की तलाश तेज हुई थी। नवंबर 2012 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने कुछ खाता धारकों के नाम जारी किए थे। अब इस ताजी सूची को देखने से पता चला है कि उन्होंने जिन लोगों के नाम गिनाए थे, उनमें से कुछ सही थे।
ये रही लिस्ट
1. मनु छाबरिया परिवार: 874 करोड़
2. महेश टीकमदास थारानी: 251.7 करोड़
3. अन्नू टंडन 35.8 करोड़
4. दत्ताराज वासुदेव सलगावकर, दीप्ति सलगावकर 32 करोड़
5. कुलदीप सिंह ढींगरा, गुरुवचन सिंह ढींगरा 25.6 करोड़
6. लाडली प्रसाद जायसवाल 21.6 करोड़
7. संदीप टंडन 166.1 करोड़
8. श्रवण गुप्ता, शिल्पी गुप्ता 209.56 करोड़
9. कमार वेणु रमन 18.97 करोड़
10. भूषणलाल साहनी और परिवार 16.7 करोड़ (सामूहिक)
11. एडमिरल एसएम नंदा, सुरेश नंदा 14.2 करोड़
12. भद्रश्याम कोठारी परिवार 195.6 करोड़
13. मोहम्मद हसीब शॉ 13.2 करोड़
14. धर्मवीर तनेजा 10.8 करोड़
15. आलोक भरतिया 8.37 करोड़
16. विश्वनाथ गरोदिया 6.6 करोड़
17. ब्रिजेंद्र कुमार पोद्दार 5.9 करोड़
18. सुभाष वसंत साठे, इंद्राणी साठे 4.64 करोड़
19. मुकेश अंबानी 164.92 करोड़
20. अनिल अंबानी 164.92 करोड़
21.नरेश कुमार गोयल 116 करोड़
22. बर्मन परिवार 77.5 करोड़
23. अनुराग डालमिया 59.5 करोड़
24. संजीव लांबा 4 करोड़
25. हर्षबर्द्धन नेवटिया, विनोद कुमार नेवटिया 3.1 करोड़
26. सुरिंदर कपूर 2.51 करोड़
27. स्मिता ठाकरे 64 लाख
28. डालमिया परिवार 45.9 लाख
29. प्रणीत कौर- राशि का जिक्र नहीं
30. राजन प्रसाद नंदा- राशि का जिक्र नहीं
31. नीलम नारायण राणे, नीलेश राणे- राशि का जिक्र नहीं
32. यशोवर्धन बिड़ला- राशि का जिक्र नहीं
33. प्रदीप कुमार खेतान, एच खेतान – राशि का जिक्र नहीं
34. महिमा चौधरी – राशि का जिक्र नहीं
35. जगदीश राय सूद- राशि का जिक्र नहीं
36. ओमप्रकाश लोहिया-राशि का जिक्र नहीं
Manu
August 25, 2015 at 7:58 am
thank god main to dar hi gaya thaa ki mera name naa aa gaya ho but
shibdhan hansda
November 14, 2016 at 10:50 am
narendra modi is great people of india