गाजियाबाद। दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर, आर्थिक मामलों के जाने-माने विशेषज्ञ एवं सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ. आलोक पुराणिक का मानना है कि उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को आर्थिक रूप से साक्षर बनाना होगा, तभी उनका जीवन समृद्ध हो सकेगा। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित मासिक विचार संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता उन्होंने यह बात कही। ‘स्टॉक बाजार-हाल, सवाल और बवाल’ विषय पर वह अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में लोग बिजनेस ज्यादा करते हैं। इसलिए वहां आर्थिक साक्षरता उत्तर भारत के मुकाबले अधिक है। नौकरीपेशा लोग उतना नहीं कमा या बचा पाते, जितना राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र के लोग कमा और बचा लेते हैं। उन्होंने बताया कि लोग खर्च करने में ज्यादा अव्वल हैं, कमाने में उनका ध्यान कम रहता है। उन्होंने कहा कि लोग कमाई को लांग टर्म और खर्च को शॉर्ट टर्म बनाएं, तभी बचत के प्रतिशत में इजाफा होगा। अच्छा हो कि लोग सेनसेक्स या निफ्टी में अपना पैसा निवेश करें। उन्होंने बताया कि आपकी बचत पर बैंक साल का अधिक से अधिक आठ प्रतिशत ब्याज देता है जबकि सेनसेक्स या निफ्टी सालभर में 12 प्रतिशत देता है। उन्होंने सुझाव दिया कि लोग सोने में निवेश कतई न करें। अगर पिछले 30 सालों का रिकॉर्ड देखें तो सोने का भाव केवल 11.42 प्रतिशत बढ़ा है जबकि सेनसेक्स में 56.33 गुना का उछाल आया है। उन्होंने कहा कि लोग धैर्य के साथ निवेश करें। हड़बड़ी करने पर स्टॉक बाजार में मुंह के बल भी लोग गिरते हैं।
मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि लोग खर्च की नहीं, कमाई की चिंता करें। खर्च ठीक से चले, इस पर केन्द्रित हों। स्टॉक बाजार में अच्छी कंपनियों का चयन कर उनमें पैसा निवेश करें। इससे लोगों पर महंगाई का असर बिल्कुल नहीं पड़ेगा। हमारी गाढ़ी कमाई वापस हमें ही मिले, ऐसा निवेश करना जरूरी है। वरना हमारे देश में ऐसी विदेशी कंपनियां हैं जो निवेश के नाम पर लोगों के पैसे हड़पकर फरार हो रही हैं। आर्थिक समझदारी रखना आज के युग में बहुत जरूरी है। इससे पूर्व उन्होंने मुख्य वक्ता आलोक पुराणिक को इंस्टीट्यूशंस की ओर से शॉल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। संगोष्ठी का सफल संचालन प्रबंधन विभाग के प्रभारी डॉ. आशुतोष मिश्र ने किया।