दिलीप मंडल-
समाजवादी पार्टी और Akhilesh Yadav को बहुत बहुत बधाई। SC/ST प्रमोशन में आरक्षण बिल को फाड़ने के बाद अब सपा, घोषित आरक्षण विरोधी कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने वाली है।
सिब्बल ने शिक्षा में 27% ओबीसी आरक्षण पर अर्जुन सिंह का विरोध किया था। कांग्रेस ने अर्जुन को कैबिनेट से हटा दिया। कांग्रेस को भुगतना पड़ा।
कांग्रेस अपनी ग़लतियों से सीख रही है। उसने सिब्बल को राज्य सभा टिकट नहीं दिया। सपा को इन सबकी परवाह नहीं है। सपा ने 2012 के बाद कोई चुनाव नहीं जीता है।
सपा के साथ जब तक 20% मुसलमान जुड़े रहेंगे तब तक उसकी पॉलिटिक्स ज़िंदा रहेगी। लेकिन ओबीसी को साथ लिए बग़ैर वह सत्ता में नहीं लौट पाएगी।
सिब्बल बाबरी मस्जिद केस में वकील थे। हारे। हिजाब केस में वकील थे। हारे। लालू यादव के वकील थे। जेल जाने से बचा नहीं पाए। शरद यादव के वकील थे। राज्य सभा सांसदी नहीं बचा पाए। पता नहीं कौन से केस जीते हैं उन्होंने?
सपा अगर ओबीसी को साथ नहीं जोड़ पाती तो मुसलमान भी उसके साथ कब तक रहेगा? सपा को चाहिए कि ओबीसी को जोड़े। कपिल सिब्बल इसमें उसकी मदद नहीं करेंगे।
रंगनाथ सिंह-
राम जेठमलानी और कपिल सिब्बल ने साबित कर दिया है कि पूर्णकालिक राजनीति के अलावा वकालत एकमात्र पेशा है जिसमें अपना मूल काम करने के बदले आदमी राज्यसभा सीट ले सकता है। सिब्बल जी पर कोई यह आरोप भी नहीं लगा सकता कि उन्होंने मुकदमों के डर से पार्टी छोड़ी है।
समरेंद्र सिंह-
कांग्रेस से करामाती कपिल सिब्बल चला गया। कांग्रेस का एक गड्ढा भर गया और समाजवादी पार्टी में एक गड्ढा बढ़ गया। अखिलेश यादव का भला होना मुश्किल है। सियासत की समझ ही नहीं है।
पंकज मिश्रा-
कपिल सिब्बल आजम खान के वकील थे इसलिए सपा ने उन्हें टिकट नही दिया | आजम खान , कपिल सिब्बल के एहसानमन्द है इसलिए सिब्बल को टिकट मिला | आज़म की नाराजगी के खौफ ने अखिलेश को मजबूर किया है | मुलायम सिंह जानते है आजम खान की रीढ़ की हड्डी सलामत है | इसलिए कपिल सिब्बल को टिकट देकर आजम खान पर अख़लाक़ी दबाव बनाया गया है न कि सियासी … ऐसे सियासी पैंतरों को मैं धूर्तता कहता हूं |