न्यूज़18इंडिया के संपादक और वरिष्ठ एंकर किशोर अजवानी को लेकर हफ़्ते भर से सोशल मीडिया में अफ़वाहों का बाज़ार ग़र्म है। उन पर छेड़छाड़ के आरोप लगने की बात फैलाई गई।
भड़ास को भी दावे से बताया गया कि सब कुछ सच है। चैनल के भीतर पीड़िता ने कम्प्लेन फ़ाइल कर दी है। जाँच चल रही है।
पर जब भड़ास ने कथित पीड़िता से संपर्क किया तो उसने ऐसी किसी घटना से ही इनकार कर दिया। लिखित शिकायत की बात से भी इनकार किया।
इस बीच अफ़वाहों का बाज़ार गरम होने से न्यूज़18 की तरफ़ से भी सफ़ाई जारी की गई। देखें-
पर अब भी ट्विटर पर कई लोग किशोर अजवानी के ख़िलाफ़ अभियान चलाए पड़े हैं। इनका दावा है कि छब्बीस मार्च को घटना हुई। पुलिस को फ़ोन भी किया गया है। पंद्रह दिन के बाद चैनल की सफ़ाई आई है।
ऐसे मुद्दों पर भड़ास का साफ़ मानना है कि जब तक बात पुलिस तक नहीं पहुँचती, कोई लड़की या स्त्री पब्लिक डोमेन में अपने शोषण की बात नहीं कहती तब तक किसी को आरोपी नहीं बताया जाना चाहिए। अभी तक किशोर अजवानी के ख़िलाफ़ कोई मामला न पुलिस में है न पब्लिक डोमेन में, इसलिए उनका चरित्र हनन करना आपराधिक है। इस कृत्य से बचना चाहिए।