प्रचुर पैसा हो तो कोई संकट देर तक टिक नहीं सकता। किशोर वाधवानी इसके उदाहरण हैं। वे गुटखा किंग हैं। दबंग दुनिया नामक अख़बार के मालिक हैं। गाने के शौक़ीन हैं लेकिन गाते बहुत घटिया हैं।
इन किशोर के अवैध गुटखा साम्राज्य की नींव कई बार कई सरकारी एजेंसीज ने हिलाने की कोशिश की। कभी पुलिस, कभी सीबीआई तो कभी इनकम टैक्स तो कभी ईडी। इनके विरोधी अख़बार खूब छापते कि देखो फ़लाँ छापे में इसके यहाँ क्या क्या मिला है… तब लगता कि ये बंदा तो गया… इसका साम्राज्य गया… पर होता उल्टा… माया का ऐसा जादू ये किशोर चलाता है कि सब चुप, सब शांत, सब मैनेज, सब विराम!
जब शांति छा जाती है तो किशोर को संगीतमय ख़याल आने लगते हैं। ऐसे ख़यालों में वे कोई रंगीन निर्णय ले लेते हैं.. देखिए, जैसे ये…