ग़ाज़ीपुर में एकांतवास काटते हुए एक रोज कुछ नया महसूस हुआ. लगा मैं अकेले नहीं, मेरे इर्द-गिर्द तो कई प्राणी वास कर रहे हैं. पड़ोस के एक अधबने मकान में छह नए प्राणियों को एक कुतिया जी ने धरती पर अवतरित किया हुआ था.
इसकी भनक मुझे तब लगी जब एक रोज बच्चों के भोंकने की आवाज सुनी.
दबे पांव चुपके से गया.
नजारा देखा.
वे पूरे छह थे.
अगले रोज यानि आज, मोबाइल कैमरा आन करके मौके पर पहुंचा और लगा पुचकारने. पूरे दस मिनट लगे एक छोटू को पटाकर सेल्फी खींचने में.
हालांकि दस मिनट पुचकारने के दौरान एकाध बार गुस्से में भोंका भी 🙂
ये नन्हे प्राणी अभी दूध पर हैं. इनकी मां मेरी मित्र हैं. जो कुछ पकाता बनाता हूं उसका एक हिस्सा दे देता हूं.
जबसे जाना कि ये छह बच्चे इन्हीं ने जने हैं, तबसे इनके प्रति अपन थोड़ा ममतामयी हो गए. खान-पान का ध्यान देने लगा. थोड़ा ठोस परोसने लगा.
आज गुड़ का एक बड़ा टुकड़ा खिलाया.
माताजी की तस्वीर इसमें नहीं आ पाई है. उनकी फिर कभी. फिलहाल तो लौंडों संग आनंद लीजिए.
-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया
Comments on “एकांतवास काट रहे यशवंत ने कैसे पटाए नन्हे पड़ोसी और ले ली सेल्फी, देखें वीडियो”
Yashwant ji, inn puppies ko meetha dena avoid kijiye.. bot gud for them.. koshish kijiye ki abhi garmi me adha paani mix kr k milk den.. ya fir curd..bahot zyada kuch inhe solid dene se bachen
वाह लाक डाउन ऐसे भी मनाया जा रहा है!बहुत सुन्दर,आनंद भवति
बीम की जड़ से जो सरिए निकले हुए हैं, उन्हें थोड़ ऊपर की तरफ मोड़ देना, कभी कोई नन्हा चोट लगवा बैठे।