Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

सत्ता के मद में चूर लोगों सुन लो, ये बिना ब्रेक की फौज सब कुछ तबाह कर देगी!

विश्व दीपक-

लखीमपुर खीरी हिंसा एक political design का नतीजा है. अहिंसा – गांधी के मुताबिक कमजोरों का हथियार नहीं लेकिन – धूर्तों का तर्क ज़रूर है. सत्ता के नशे में चूर आपराधिक पृष्ठभूमि के एक मंत्री के बेटे ने अगर किसानों पर गाड़ी नहीं चढ़ाई होती तो हिंसा नहीं होती.

Advertisement. Scroll to continue reading.

यह झूठ है कि किसानों ने हिंसा की. सच यह है कि किसानों को योजनाबद्ध तरीके से हिंसा की तरफ धकेला जा रहा है. पिछले 15 अगस्त को भी ऐसा ही किया गया था. यह सब कुछ हवा में नहीं हो रहा. इसके पीछे एक पूरा political design है. इस देश को अशांति और हिंसा की तरफ जानबूझकर धकेला जा रहा है.

जो किसान 9 महीने से घर बार छोड़कर सड़क पर सो रहा है आप उससे शांति की उम्मीद करते हैं और बीजेपी के आपराधिक रिकॉर्ड वाले मंत्री की हिंसक हनक को अगर आप सामान्य समझते हैं ? अगर ऐसा है तो फिर कुछ कहने-बताने की ज़रूरत ही नहीं. बस यह याद रखिए कि आपकी खामोशी से हो सकता है बीजेपी सत्ता की हवस पूरी हो जाए लेकिन यह political design भारत को एक जुट नहीं रहने देगा.

सेना, टैंक, गोला बारूद से तबाही मचाई जा सकती है दिल नहीं जोड़े जा सकते. एक देश को मजबूत नहीं बनाया जा सकता. भारत विखंडन की तरफ बढ़ रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

देशपाल सिंह पंवार-

लखीमपुर खीरी में जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था…जिन्हें पहले ही जेल में होना चाहिए था वो सेंटर में मिनिस्टर बने बैठे हैं…घमंड में चकनाचूर आयं-बायं-सांय बोलते हैं…बेलगाम भीड़ को आप अगर उकसाएंगे तो क्या होगा….सड़क हादसे भी होते हैं लेकिन उनमें मरने वाले केवल चेहरे होते हैं …टीवी पर आकर ये बोल देना गलती हमारी नहीं है ये कहां की इंसानियत है..

Advertisement. Scroll to continue reading.

इंसानियत तो ये भी नहीं कि किसान अपने हाथ में कानून को लें…किसान कब से खून-खराबा करने लगे..ये चिंता की बात है…अगर मंत्री और सरकार उसी पल ये मान लेती कि हां गलती हो गई है तो शायद बात यहां तक नहीं बढ़ती…पर अब तो विपक्षी दल और कुछ किसान नेता राजनीति की रोटियां सेंककर माहौल को ऐसा बना रहे हैं जो कौम,सूबे व सबके लिए घातक होगा…

किसान शांति के साथ धरने दे रहे थे…वो देते रहें जिस दिन वो हथियार उठाएंगे यकीन मानिए अन्नदाता नहीं कहलाएंगे…पर अफसोस राह तो फिलहाल यही नजर आ रही है…सत्ता को भी चाहिए वो ताकत का इजहार ना ही करे तो बेहतर है वरना ये बिना ब्रेक की फौज सब कुछ तबाह कर देगी…

Advertisement. Scroll to continue reading.

मेरी समझ में ये नहीं आता कि ऐसे पल राज करने वाले नेता पीड़ितों के बीच में क्यों नहीं जाते…वो जाएं तो दो चार खरी-खोटी सुनाकर किसानों का भी गुस्सा शांत हो जाता…पर शायद उन्हें डर लगता है….डर तो ऐसे माहौल में हमें भी लग रहा है…जब सुनने का दौर खत्म हो जाए..सही-गलत समझने की सोच ही ना तो फिर वही होता है जो हो रहा है या इससे भी आगे जो होगा…खुदा खैर करे।

कृष्ण कांत-

Advertisement. Scroll to continue reading.

अभी साबित किया जाएगा कि सारी गलती किसानों की है. बीजेपी के नेता बड़े मासूम और बहुत पीड़ित हैं. इसलिए जानना जरूरी है कि कब, क्या और कैसे हुआ…?

  1. लखीमपुर में कई सरकारी योजनाओं के शिलान्यास के लिए प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम तय था। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को भी शामिल होना था। अजय मिश्र लखीमपुर खीरी के ही रहने वाले हैं और यहीं से सांसद हैं।
  2. डिप्टी सीएम के कार्यक्रम की जानकारी मिलते ही सुबह आठ बजे करीब 200 किसान अजय मिश्र टेनी के गांव बेनीपुर पहुंच गए। यहां केशव मौर्य का हेलीकॉप्टर उतरना था।
  3. तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने हेलीपैड को पूरी तरह से घेर लिया और बीच में बैठ गए। प्रशासनिक अफसरों ने करीब दो घंटे तक किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं हटा।
  4. आनन-फानन में डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदला गया और उन्हें सड़क मार्ग से लखीमपुर लाया गया। यहां उन्होंने करीब 12 बजे एक गेस्ट हाउस में कई सरकारी योजनाओं का शिलान्यास किया।
  5. डिप्टी सीएम ने करीब एक बजे भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके बाद वह सड़क मार्ग से तिकुनिया के लिए निकले। यहां उन्हें एक दंगल के कार्यक्रम में शामिल होना था।
  6. डिप्टी सीएम के तिकुनिया जाने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में किसान तिकुनिया की सड़कों पर जुट गए। जब डिप्टी सीएम और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र का काफिला गुजरा तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने लगे।
  7. आरोप है कि काले झंडे दिखा रहे किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष ने गाड़ी चढ़ा दी। इसमें दो किसानों की मौत हो गई। इसके बाद गाड़ी पलटने से चार और किसानों की जान चली गई। इस तरह से हादसे में 6 किसानों की जान चली गई। हांलाकि, प्रशासन ने अभी चार मौतों की ही पुष्टि की है।
  8. हादसे से आक्रोशित किसानों ने आशीष की गाड़ी पर हमला कर दिया। किसी तरह आशीष गन्ने की खेत से होकर भाग निकला, जबकि उसके ड्राइवर को भीड़ ने पीटकर मार डाला।
  9. किसानों की मौत से उग्र भीड़ ने मौके पर तीन गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस पर पथराव करने की सूचना भी है।
  10. बवाल बढ़ता देख मौके पर कई थानों की फोर्स लगा दी गई। आईजी, एडीजी समेत कई पुलिस व प्रशासनिक अफसर पहुंचे। सीएम ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement