लखीमपुर खीरी (उ.प्र.) : जनपद के शिक्षा विभाग में वर्षों से हो रहे करोड़ों रूपये के घोटले का पर्दाफाश करने वाले खोजी पत्रकार को विभागीय अधिकारियों सहित उसके पालतू गुण्डों ने जाने से मारने या मरवाने की धमकी दी है, साथ ही यह चेतावनी दी है कि अखबारबाजी करना छोड़ दो वरना कहाँ, कब मसल दिए जाओगे, पता भी नहीं चलेगा।
उल्लेखनीय है कि सूर्यप्रसाद ने शैक्षिक सत्र 2014-15 में स्कूली छात्रों को सरकार द्वारा निशुल्क वितरित की जाने वाली यूनीफार्म के संबंध में छानबीन की। पता चला कि वित्तपोषित इण्टर कालेज में अध्ययनरत कक्षा 1 से कक्षा 8 तक छात्र-छात्रों को निःशुल्क यूनीफार्म सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। जनपद के 4-5 हजार सरकारी विद्यालयों में लगभग सात लाख छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया था। इन सभी को प्रति छात्र-छात्रा यूनीफार्म दो सेट देने का दावा किया गया था। इसकी कीमत सरकार ने चार सौ रूपये प्रति छात्र अदा की थी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने छात्र-छात्राओं को उक्त यूनीफार्म अधिकतम 120 रुपए में तैयार करवाकर वितरित किए थे। इस प्रकार प्रति यूनीफार्म 160 रुपए का घपला किया गया। इस तरह जनपद के सभी छात्रों को वितरित की गई यूनीफार्म में लगभग 10 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ था।
इस खबर पर जब जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने स्वयं बात न कर मामले को सुलटाने के लिए जिले के बहुचर्चित सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला को कहा। प्रारम्भ में तो संजय शुक्ला ने रिपोर्टर से फोन पर प्रस्ताव रखा कि आप मुझसे मिल लें, सारी समस्याएँ दूर हो जाएंगी। झाँसे में न आने पर क्षुब्ध एबीएसए रिपोर्टर के घर पहुंच गया। घर पर उसके न मिलन पर उसने पत्रकार के परिजनों के साथ अभद्र हरकतें कीं। गाली-गलौज कर लौट गया। उसी दिन रात के गभग 9.00 बजे उक्त पत्रकार के घर पर दो बाइकों से छह लोग आ धमके। उनमें से चार गेट पर खड़े रहे तथा दो मकान के अन्दर घुस गए। उन्होंने पत्रकार को धमकी दी कि घोटाला भूल जाओ और कुछ लिखो-पढ़ो नहीं वरना तुम्हें या तो जान से मार दिया जायेगा या मरवा दिया जायेगा। उन्होंने मृत पत्रकारों बब्लू पाण्डेय, अमित चैरसिया, जेपी तिवारी, सीबी सिंह के नामों का उल्लेख करते हुए धमकाया कि वरिष्ठ पत्रकार हो तो उनके बारे में जानते होगे। आज उनके परिजन भूखमरी की कगार पर हैं।
इस घटना के बाद रिपोर्टर ने पुलिस अधीक्षक, डीआईजी, आईजी लखनऊ जोन, पुलिस महानिदेशक उत्तर-प्रदेश, आयुक्त लखनऊ मण्डल, नोडल अधिकारी/प्रमुख सचिव, लघु सिंचाई, मुख्य सचिव उत्तर-प्रदेश शासन को भी एसएमएस भेज कर घटना की जानकारी देने के साथ-साथ सदर कोतवाली में घटना की प्राथमिकी दर्ज करने के लिए तहरीर भी दी परन्तु अभी तक उक्त प्रकरण पर कोई भी कार्यवाही किसी भी स्तर से नहीं किये जाने से रिपोर्टर दहशत में है।