Lalu Prasad Yadav : सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में मेरे द्वारा दिए बयान :- हम तो गंगा की तरह निर्मल हैं. हमको इन लोगों (सीबीआइ) ने वीरप्पन समझ लिया.कहता है लालू ने चारा खाया.जिसने (दीपेश चांडक) मलाई खायी, उसे एप्रूवर बना दिया.वाह रे इंसाफ.हमने केस किया.हम मुद्दई हैंहमें ही मुदालय बना दिया। राजनीतिक विरोधियों ने हमें फंसाया.दिल्ली में मेरी सुनी जाती थी. हम प्रधानमंत्री बनवाते थे. हमारा यह रुतबा विरोधियों को नहीं भाया. हमको बदनाम किया.घर से ससुराल तक कुदाल से खोद डाला. DA(आय से अधिक संपत्ति) का भी केस किया, लेकिन सब हार गए। इन लोगों ने सोचा कहां से एक अहीर का बेटा यहां आ गया है. वह जो चाहता है, वह होता है. इसलिए हमें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया. हम ने कोई अपराध नहीं किया. राजनीति की रोटी, जो एक ही तरफ से पक रही थी, उसे पलट दिया. गरीबों और पिछड़ों की आवाज बना. यही हमारे विरोधियों को रास नहीं आयी और हमें फंसा दिया| अब तो चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी गयी है.
पहले इ लोग कहता था कि लालू चारा खाया.जो मलाई खाया, उसका क्या किया? चांडक ने 300 करोड़ की सप्लाइ की.उसको इ सीबीआइ वाला एप्रूवर बना दिया। हम को फंसाने के लिए डीए का केस किया. हमारी पत्नी को भी इसमें अभियुक्त बनाया. कहा, 46 लाख रुपये अधिक का डीए बनता है. डीए का केस बनाने के लिए खैनी तक का खर्च उसमें जोड़ दिया. छठ पूजा में कितना खर्च किया, उसको भी जोड़ दिया. लेकिन कोर्ट में इ लोग हार गये. सीबीआइ वाला लोग इंवेस्टिगेशन तो किया नहीं. पहले से तय था कि लालू को फिक्स करना है, इसलिए कर दिया|
जो CBI वाला हमको पकड़ने के लिए सेना बुलाया. विरोधी उसको गवर्नर बनाना चाहते थे. हमने प्रधानमंत्री वाजपेयी जी को फोन किया था.वाजपेयी जी बोले थे,लालूजी आपको हमारे घर की बात कैसे पता.उस वक्त ऊ गवर्नर नहीं बना. अब मंत्री है. हमको फंसाने के लिए इन लोगों (सीबीआइ) ने क्या-क्या नहीं किया. हमारी ससुराल गया. वहां कुदाल से जमीन तक खोद डाली. राबड़ी देवी जब मुख्यमंत्री थी,उस वक्त मुख्यमंत्री आवास में छापा मारा.पूरे देश में किसी मुख्यमंत्री के आवास में छापा मारने की यह पहली घटना थी. तालाब में सोना की सिल्ली रखी है बोल कर तालाब में भी खोजबीन की. इ लोग हमारे तालाब की मछरी (मछली) मार दी.
छापा में कुछ नहीं मिला. अगर मिला है, तो CBI बताये. बहुत कोशिश करने के बाद सिंगापुर चेंबर अध्यक्ष का निमंत्रण पत्र इन लोगों को मिला.सिंगापुर चेंबर अध्यक्ष के निमंत्रण पत्र को इ लोग बहुत प्रचारित किया, बोला कि बहुत भारी दस्तावेज मिला है, लालू के विदेश संपर्क का. कुछ लोग बोलता है कि लालू का स्विस बैंक में खाता है. उसमें 30 हजार करोड़ रुपये हैं. एगो तो एकाउंट नंबर भी बता रहा है.एकाउंट नंबर का क्या है? कोई भी नंबर लिख देना है. कहना है, यही लालू के खाते का नंबर है. अगर ऐसा है तो अब हमारा काला धन इ लोग लायें.
यहाँ ऊपरवाला लोग जैसा चाहता है वैसा ही होता है. जैसे रिपोर्टर | ऊ बेचारा का करेगा? सब छपता और चलता वही है, जो ऊपरवाला चाहता है. घर से ससुराल तक कुदाल से खोदने के बाद जब कुछ नहीं मिला, तो इ लोग बोला कि लालू को कांसपिरेंसी में फंसाओ. कुछ नहीं मिला,तो आरोप लगाया कि घोटालेबाजों को एक्सटेंशन दिये थे.जिस पर किसी तरह का कोई आरोप नहीं हो,तो उसे एक्सटेंशन देने का अधिकार CM को है.
CBI वाला बताये कि हमने जब श्याम बिहारी सिन्हा(मुख्य अभियुक्त्त) को एक्सटेंश्न दिया था, उस वक्त उस पर कोई आरोप था क्या?
CBI कहता है हमने घोटालेबाज बीएन शर्मा का तबादला स्थगित कर दिया था.अफसरों का तबादला स्थापना समिति करती है.उसका तबादला स्थापना समिति से हुआ था.
इ लोग आरोप लगाया है कि हम को सब घोटालेबाज फोन करता था. सर, इ फोन, टय़ूब, फेसबुक बहुत खतरनाक चीज है. ऑफ द रिकार्ड बोल रहे हैं कि एक लड़का हमको दिखाया था. एक बड़ा आदमी का बेटा एक नर्तकी के साथ नाच रहा था, उस पर पैसा लुटा रहा था. बुरा मत मानियेगा, किसी दिन हम भी आपको फोन कर देंगे सर. उन्होंने कहा : मुख्यमंत्री का फोन सार्वजनिक होता है. उस पर कोई भी फोन कर सकता है. हमने किसी घोटालेबाज को फोन नहीं किया था. हम तो इ लोग के डर से फोन भी नहीं रखते हैं.
इ लोग सीएजी का हवाला देते हैं. सीएजी तो कभी बोला ही नहीं कि फरजी निकासी हुई है. वह तो कहता था कि अधिक खर्च हुआ है. हम बार-बार बोले इसमें सबसे बड़ी गलती सीएजी की है.उसकी भी जांच हो कि उ क्यों नहीं बोला कि फरजी निकासी हो रही है.लेकिन CBI इस मांग को पचा गया. CBI बोलता है कि हम साजिश में शामिल थे.अगर हम रहते,तो बक्सा के बक्सा सबूत के कागजात सीबीआइ को काहे देते ??
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के फेसबुक वॉल से.