दिलीप मंडल-
नोएडा में ग्रामीण सामंतवादी ठसक पर चला बुलडोज़र। सामंतवाद के दिन ढल रहे हैं। बीजेपी नेता लंगड़ा त्यागी इस कहानी में सामंतवाद का प्रतीक है। उसका लट्ठ शहरी इलीट बनिया पावर के सामने किसी काम नहीं आया।
ये इतिहास की गति है। सरकार किसी की भी हो, पूँजी के सामने उसे नतमस्तक होना ही होगा। भारत में जैसे जैसे शहरीकरण बढ़ेगा, ग्रामीण सामंतों की मिट्टी पलीद होगी।
बचेंगे वही जो पूंजीवाद के साथ तालमेल करके चलेंगे।
सुशील दुबे-
पत्नी बेज्जत, बच्चे भूखे, बिजली बंद, घर पर बुलडोजर, संसद क्रोध में… सारी रंगबाजी भौकाल घुस गया… अरे अब तो दर्शन दे दो प्रभु… कुछ त्याग भी कर दो त्यागी जी, नोएडा पुलिस के सम्मान में… आना तो होगा ही क्योंकि मीडिया ट्रायल जो हो गया है. वैसे श्रीकांत त्यागी का हूल पैंतरा भौक़ाल था ठीक ठाक जो अब ज़मींदोज़ हो गया…
इसी के साथ 25000 का इनामी बदमाश हुआ श्रीकांत त्यागी। पुलिस ने फ़रार त्यागी पर इनाम घोषित कर कुर्की की कार्रवाई के लिए काग़ज़ी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
संजय कुमार सिंह-
महेश शर्मा जी, कार्यकर्ता नौकरी तलाशने तो नहीं गए थे ओमैक्स ग्रैंड और मुआवजा देने की नजीर तो आप बना ही चुके हैं…
भाजपा नेता महेश शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया में घूम रहा है जिसमें वे पुलिस से जानना चाहते हैं कि पार्टी के गुंडे अपने नेता की शिकायत करने वाली पीड़िता का घर ढूंढ़ने ग्रैंड ओमैक्स कैसे पहुंच गए। पता नहीं उन्हें किसी ने याद दिलाया या नहीं पर मुझे लगता है कि दादरी कांड के अभियुक्तों का जो सम्मान पार्टी ने किया था उससे किसी का भी प्रेरित होना सामान्य है। इससे संबंधित कई किस्से हैं। एक तो एनटीपीसी में नौकरी दिलाने का मामला भी है। बाद में एनटीपीसी ने भले इस खबर का खंडन कर दिया था लेकिन यह भी कहा था, …. अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी नीति के तहत, अपने संयंत्र के पास बसे समुदाय के विकास और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
एक न्यूज चैनल के मुताबिक, इन आरोपियों को नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) में तीन माह के अंदर संविदा पर नौकरी पर रखने पर सहमति बनी है। इसके लिए 9 अक्टूबर (2017) को भाजपा विधायक तेजपाल नागर ने दादरी में एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की ताकि उनकी भर्ती कराकर नौकरी की सुविधा प्रदान की जा सके। इसके अलावा जेल में ही किडनी और श्वसन तंत्र फेल हो जाने से मरने वाले एक अन्य आरोपी रवीन सिसौदिया के परिजनों को आठ लाख रुपए दिए जाएंगे और उनकी पत्नी को महीने भर के अंदर प्राइमरी स्कूल में टीचर की नौकरी दी जाएगी। न्यूज चैनल से बातचीत में स्थानीय भाजपा विधायक तेजपाल सिंह नागर ने कहा,‘मरने वाले युवक (रवीन सिसौदिया) की पत्नी को महीने भर के भीतर प्राइमरी स्कूल में नौकरी दी जाएगी और आठ लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसमें से पांच लाख रुपए एक मुस्त और बाकी की राशि स्थानीय स्तर पर इकट्ठा की जाएगी।’
वहीं बाकी आरोपियों के बारे में नागर ने कहा उनको दादरी के एनटीपीसी के साथ काम करने वाली एक प्राइवेट फर्म के साथ समायोजित किया जाएगा। विधायक ने कहा इनमें से कुछ लोग एनटीपीसी में काम कर भी रहे थे लेकिन अखलाक की हत्या के आरोप के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया था। उन्होंने कहा ‘जिन्होंने अपनी नौकरी खोई है। अगले दो महीने में उन्हें दोबारा नौकरी दी जाएगी।’ नागर ने यह बात युवाओं को नौकरी देने के सवाल पर जवाब देते हुए कही। जब उनसे अखलाक केस में आरोपियों को नौकरी देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा ‘अगर कानूनी अड़चन नहीं होगी तो उन्हें भी नौकरी देंगे।’ यही नहीं, गांव वालों ने रविन को शहीद का दर्जा देते हुए उसके शव को तिरंगे में लपेट दिया था। गांव वालों का कहना था कि रविन की मौत नहीं हुई है, बल्कि उसने गांव के इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी है।”
गांव वालों ने रविन के परिवार को एक करोड़ रूपए का मुआवजा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। (पंजाब केसरी डॉट इन से साभार) तब खबर यह भी थी कि गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट एनपी सिंह ने जानकारी दी कि रवि के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। इसमें से 10 लाख राज्य सरकार देगी, 10 लाख एक संस्था देगी वहीं 5 लाख रुपए उस इलाके के सांसद महेश शर्मा और सरधना के विधायक संगीत सोम देंगे। (जनसत्ता डॉट कॉम से साभार) यह अलग बात है कि पार्टी अब श्रीकांत त्यागी को फ्रिंज एलीमेंट करार दे पर सच यही है कि कई बड़े नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें वायरल है और ऐसा ही पीड़िता या शिकायतकर्ता को ढूंढ़ने पहुंचे गुंडों के मामले में है। एक की तस्वीर तो महेश शर्मा के साथ भी घूम रही है। भले ही फोटो सार्वजनिक होने से पहले भाजपा नेता इनकी वजह से शर्मिन्दा हो रहे हों क्योंकि पुलिस ने उन्हें नहीं रोका।
अखलाक मामला भाजपा के लिए नोएडा स्तर का नहीं था होता तो भाजपा के उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अब माननीय गृहमंत्री अमित शाह ने 11 सितंबर 2018 को जयपुर में जो कहा था वह, अखलाक व अवार्ड वापसी के बाद भी हम जीते शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। भाजपा अंगद का पांव है। अखलाक और अवार्ड वापसी के बाद भी भाजपा ने जीत दर्ज की थी। तब खबर थी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जयपुर आए और एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद सीधे मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने विशेष पूजा की और इसके बाद चार कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं एवं प्रबुद्ध जनों से मुलाकात की।
वैसे तो कानून का शासन सबसे बढ़िया रहता है लेकिन सरकार अगर कानून हाथ में लेने वालों को संरक्षण देगी, संविधान का पालन नहीं होगा तो लोकतंत्र कहां रह जाएगा। भ्रष्ट कांग्रेसी वकीलों को फीस में राज्यसभा की सदस्यता ईनाम देते थे पर आपकी सरकार तो ईनाम में जज, सांसद, राज्यपाल सब बना दे रही है। और ऐसे में आदमी की बनाई व्यवस्था नहीं चलने दी जाएगी, भगवान का सहारा रहेगा तो यहां के बुलडोजर की तरह, वहां भस्मासुर की व्यवस्था होती है। हो सकता है रामराज्य में यह भस्मासुरों के आगे बढ़ने का संकेत हो। नेताजी जो को इस बारे में देख समझकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।