रोते हुये फौजी की पत्नी तारा देवी को ढाढस बंधाते गाजीपुर के चर्चित समाजसेवी ब्रज भूषण दूबे। इनसेट में फौजी छेदी यादव का चित्र।
गाजीपुर : 22 जुलाई को एयरफोर्स का माल वाहक विमान एएन-32 कुल 29 लोगों के साथ ताम्बरम से पोर्ट ब्लेयर जाते हुये समुद्र में दुर्घटना ग्रस्त हो गया था जिसमें एनसीई के पद पर कार्यरत मुहम्मदाबाद थानान्तर्गत बरेजपुर गांव के छेदी सिंह यादव भी थे। इनके परिवार का रोते-रोते बुरा हाल है। शनिवार को पीड़ित परिवार के साथ सामाजिक कार्यकर्ता ब्रज भूषण दूबे ने बैठकर न केवल उनका दुख बांटा बल्कि रक्षामंत्री मनोहर पारिकर के नाम सूचना अधिकार का प्रयोग कर कुल 7 बिन्दुओं पर सूचनाएं भी मांगी।
छेदी की पत्नी व बच्चों का पति व पिता की याद मे रोते-रोते बुरा हाल हो गया है। उनका गुस्सा सरकार के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों पर भी है। छेदी की पत्नी तारा देवी ने रूंधे हुये कंठ से कहा कि क्या सरकार में बैठे लोग व जनप्रतिनिधि हमारे पति के मौत की सूचना का इन्तजार कर रहे हैं तभी वे हमारे प्रति संवेदना जताने आयेंगे। श्री दूबे नेे पूरा प्रकरण गाजीपुर के जनता थाने में दर्ज कर महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री को भेजा।
श्री दूबे से तारा देवी ने बताया कि दस दिन के अवकाश पर आये हमारे पति विमान दुर्घटना से दो दिन पहले ही तैनाती स्थल कार निकोवार (कार्निक) पहुंचे थे। दुर्घटना से एक दिन पहले उनसे हमारी व बच्चों की बात भी हुयी थी। एक बेटी की शादी करने के बाद दूसरी जवान बेटी व दो नाबालिग बेटों की पढाई व पालने पोसने का जिम्मा उनके कंधों पर है। क्षेत्रीय विधायक शिगबतुल्लाह अंसारी एवं जिला पंचायत के चेयरमैन ने आकर संवेदना जताया किन्तु क्षेत्रीय सांसद का आज तक पता नहीं चला।
श्री दूबे ने सूचना अधिकार का प्रयोग कर रक्षा मंत्रालय से यह जानकारी चाही है कि एएन0-32 विमान जब क्रय किया गया था तो उसकी क्रियाशीलता कितने सालों तक की थी। विमान का इन्श्योरेन्स कब कराया गया था। विमान में कितने लोगों के सवार होने व कितने वजन तक माल ढुलने की क्षमता थी तथा 22 जुलाई को कितना माला लादा गया था। यह भी पूछा कि विमान की मरम्मत कब-कब करायी गयी थी जिसकी भौतिक रिपोर्ट भी प्रदान कराया जाय।
उन्होंने रक्षा मंत्री से यह भी मांग किया कि गाजीपुर के छेदी सिंह यादव सहित विमान में सवार अन्य लोगों के परिवारों के भरण-पोषण व गरिमा के साथ जीने हेतु सभी आवश्यकताओं की पूर्ति किया जाय। ऐसा न होने पर वे पूरा मामला राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में ले जायेंगे। उक्त अवसर पर श्री दूबे के साथ गुल्लू सिंह यादव, सुरेन्द्र यादव, सुनील यादव, भूत पूर्व सूबेदार मेजर हरिनारायण सिंह यादव, अंशू पाण्डेय आदि लोगों ने पीडित परिवार का दुख बांटा।