Law Prep Tutorials नामक संस्थान ने भ्रामक जानकारियाँ देकर लोगों को बरगलाने का काम किया है। अख़बारों में विज्ञापन देकर इसने बढ़ चढ़ कर दावे किए जो जाँच में झूठे पाए गए।
Consumer Complaints Council (CCC) ने अपनी जाँच में पाया कि इस ब्रांड ने झूठे फ़ोटोग्राफ़्स और बढ़ा कर दिखाये गए रैंक्स का सहारा लेकर अपना नाम चमकाने की कोशिश की।
दरअसल मामला लखनऊ क्लैट 2023 के टॉपर्स का सहारा लेकर ख़ुद का विज्ञापन करने का है। लॉ प्रेप के लखनऊ फ्रेंचाइजी के मालिक नितिन राकेश ने यह कारनामा किया है।
सीसीसी यानी कंज्यूमर कंप्लेंट्स कौंसिल ने जाँच के बाद कहा कि क्लैट कोचिंग इंस्टीट्यूट लॉ प्रेप का झूठा विज्ञापन The Advertising Standards Council of India (ASCI) के कई पैमानों का उल्लंघन करता है। देखें एएससीआई की रिपोर्ट का एक अंश-

इस प्रकरण को लेकर टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने खबर का प्रकाशन किया पर जाने किन दबाव में किन हालात में खबर को डिलीट कर दिया।

ये है लॉ प्रेप का झूठा विज्ञापन जो टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिंदुस्तान समेत कई जगहों पर प्रकाशित हुआ-



पूरी खबर पढ़ें-
लॉ प्रेप ट्यूटोरियल नकली परिणाम प्रकाशित करने का दोषी पाया गया
लॉ प्रेप ट्यूटोरियल अपने हालिया प्रिंट विज्ञापन में झूठी और भ्रामक जानकारी का दावा करने के लिए जांच के दायरे में आ गया। उपभोक्ता शिकायत परिषद (सीसीसी) द्वारा की गई जांच में पाया गया कि ब्रांड ने झूठी तस्वीरों और बढ़ी हुई रैंक का इस्तेमाल किया। लॉ प्रेप की लखनऊ फ्रेंचाइजी के मालिक नितिन राकेश ने विभिन्न प्रचार गतिविधियों में लखनऊ क्लैट 2023 टॉपर्स के बारे में फर्जी जानकारी प्रकाशित की। जांच के बाद सीसीसी ने ब्रांड के खिलाफ कार्रवाई की। पाया गया कि ब्रांड ने एएससीआई कोड के विभिन्न खंडों का उल्लंघन किया है और गलत प्रथाओं का दोषी है।
बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के साथ, छात्रों और उनके माता-पिता के लिए अगला बड़ा कदम करियर का निर्णय लेना और भविष्य बनाने के लिए एक नई यात्रा शुरू करना है। देश भर के शैक्षिक संस्थान और प्रवेश परीक्षा कोचिंग सेंटर छात्रों को अपने यहाँ नामांकित करने के लिए अपनी प्रचार गतिविधियों को तेज कर रहे हैं। हाल ही में एक CLAT कोचिंग संस्थान लॉ प्रेप ट्यूटोरियल नकली और भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए जांच के दायरे में आया। नितिन राकेश के स्वामित्व वाली लॉ प्रेप लखनऊ, शहर भर में अपने विभिन्न प्रिंट, डिजिटल और ऑफलाइन विज्ञापनों में लखनऊ क्लैट टॉपर, ऑल इंडिया रैंक 1 से 10 और एनएलयू में 500 से अधिक चयन का दावा करती रही है। हैरानी की बात यह है कि उनके द्वारा किए गए दावे फर्जी और निराधार पाए गए।
एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने लॉ प्रेप ट्यूटोरियल पर उन विज्ञापनों को प्रकाशित करने के लिए कड़ा प्रहार किया, जिनमें उनके छात्रों को टॉपर्स के रूप में दिखाने वाली भ्रामक और गलत जानकारी थी और उन्हें विज्ञापनों को तुरंत हटाने का निर्देश दिया।
यह घटना लॉ प्रेप ट्यूटोरियल्स के इरादों पर कई चिंताएँ पैदा करती है क्योंकि इस तरह के विज्ञापन कमजोर छात्रों और उनके परिवारों को कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने के लिए गुमराह करने का एक ज़बरदस्त प्रयास है।
विज्ञापन हाल ही में लखनऊ के एक बड़े और प्रतिष्ठित समाचार पत्र और विभिन्न सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों में प्रकाशित किया गया था। इसे एएससीआई संहिता की विभिन्न धाराओं का गंभीर उल्लंघन बताया गया था। Law Prep Tutorials के जघन्य कृत्य के खिलाफ उपभोक्ता शिकायत परिषद (CCC) में एक शिकायत दर्ज की गई थी जिसने मामले की जांच की और Law Prep Tutorials को दोषी पाया।
इस मामले में गवर्निंग बॉडी द्वारा किए गए निर्णय की प्रति के अनुसार यह पाया गया कि लॉ प्रेप ट्यूटोरियल्स द्वारा “लखनऊ सीएलएटी 2023 टॉपर्स” और “एनएलयू में 500+ चयन” तैयार करने के दावे निराधार थे। एएससीआई द्वारा लॉ प्रेप ट्यूटोरियल्स से शिकायतों का समाधान करने का अनुरोध करने के बावजूद, कोचिंग संस्थान ने परिषद या शिकायतकर्ता को जवाब नहीं दिया। परिणामस्वरूप, सीसीसी ने शिकायत को बरकरार रखा और लॉ प्रेप ट्यूटोरियल को 9 मई, 2023 तक विज्ञापन को संशोधित करने या वापस लेने की सलाह दी।
कोचिंग संस्थानों द्वारा इस तरह की शोषणकारी प्रथाओं का छात्रों और उनके परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य व वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। लॉ प्रेप ट्यूटोरियल को इस तरह की प्रथाओं का दोषी पाया गया है और इस मामले को गंभीरता से लेने की सलाह दी गई।
सागर और अनुपमा जोशी द्वारा 2008 में स्थापित लॉ प्रेप लखनऊ जोधपुर स्थित लॉ प्रेप ट्यूटोरियल्स की फ्रेंचाइजी है। फ्रेंचाइजी के मालिक नितिन राकेश के खिलाफ लखनऊ की अदालत में जबरन वसूली और धोखाधड़ी (आईपीसी की धारा 386 और 420) के मामले लंबित हैं। वह जमानत पर बाहर हैं।

One comment on “फर्जी नतीजे छपवाने का दोषी पाया गया ‘लॉ प्रेप ट्यूटोरियल्स’, टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने खबर छापकर डिलीट कर दिया!”
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