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महिला तस्करी : थाने में मौजूद लेटर में पत्रकार का नाम, पत्रकार ने कहा- भाजपा नेता का हाथ

रामजी मिश्र ‘मित्र’
सीतापुर : महिला तस्करी की एक खबर प्रकाशित करने वाले उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के पिसावां ब्लाक के दैनिक जागरण के पत्रकार के ऊपर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। खबर के अनुसार सीतापुर जिले में एक महिला की खरीद फरोख्त की जाती है। लेकिन इसके बाद महिला द्वारा उल्टा पत्रकार के कहने पर झूंठे आरोप लगाए जाने का सनसनी भरा प्रार्थना पत्र सामने आता है। बस यहीं से तस्करी के गम्भीर मामले में कई मोड़ आ जाते हैं और आरोपित पत्रकार द्वारा इसमें भाजपा नेता की साजिश के तहत उसे फसाये जाने का दावा किया जाने लगता है। फिलहाल हम इस सम्वेदी मुद्दे की इस नाटकीय कहानी के सभी पहलुओं पर नजर डालने से पहले दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार इस कहानी को आपके सामने रखते हैं।

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रामजी मिश्र ‘मित्र’
सीतापुर : महिला तस्करी की एक खबर प्रकाशित करने वाले उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के पिसावां ब्लाक के दैनिक जागरण के पत्रकार के ऊपर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। खबर के अनुसार सीतापुर जिले में एक महिला की खरीद फरोख्त की जाती है। लेकिन इसके बाद महिला द्वारा उल्टा पत्रकार के कहने पर झूंठे आरोप लगाए जाने का सनसनी भरा प्रार्थना पत्र सामने आता है। बस यहीं से तस्करी के गम्भीर मामले में कई मोड़ आ जाते हैं और आरोपित पत्रकार द्वारा इसमें भाजपा नेता की साजिश के तहत उसे फसाये जाने का दावा किया जाने लगता है। फिलहाल हम इस सम्वेदी मुद्दे की इस नाटकीय कहानी के सभी पहलुओं पर नजर डालने से पहले दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार इस कहानी को आपके सामने रखते हैं।

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दस दिसम्बर 2017 को दैनिक जागरण में “महराजगंज की नवविवाहिता को पचास हजार में बेचा” शीर्षक से महिला तस्करी की खबर प्रकाशित होती है। खबर छपने के बाद महिला का थाने के अंदर बयान के कई वीडियो सामने आते हैं। इसके बाद महिला द्वारा एक पत्र सामने आता है जिसमें वह अखिलेश नामक पत्रकार के कहने पर दबाव में वीडियो बनाने की बात कहती है। वह पत्र में किसी पर भी कार्यवाही न करने की माँग भी करती है। स्वयं पिसावां के एस ओ जय शंकर से हमने उक्त पत्र के सम्बंध में जब जानना चाहा तो उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए कार्यवाही न किये जाने की बात भी स्वीकार की।

उल्लेखनीय है जयशंकर द्वारा खबर का खंडन भी किया गया। मसले पर दैनिक जागरण के पत्रकार अखिलेश से पत्र में उनके नाम का होना और खबर के बारे में पूँछा तो वह छापी गई खबर पर निर्भीकता से कायम रहे। अखिलेश ने महोली के एक भाजपा नेता की सह पर पुलिस द्वारा दबाव में काम करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने भाजपा नेता के इशारे पर उनका नाम डलवाने की वजह उनके विरुद्ध दमनात्मक रवैय्या अपनाने की मंशा बताई। अखिलेश ने पुलिस पर आरोप जड़ते हुए पुलिस द्वारा आरोपियों के यहाँ दबिश दिए जाने की खबर की दूसरी क़िस्त भी अगले अंक में प्रकाशित कर दी। उक्त प्रकरण पर भले ही आरोप और प्रत्यारोप का दौर समेटे हो लेकिन इनकी असली वजहें मानवीय संवेदनाओं पर सवाल बन कर खड़ी हो गई हैं।

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अब दनिक दैनिक जागरण की उस खबर पर भी रुख करते हैं जहाँ से इस कहानी की शुरुआत होती है। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार महोली क्षेत्र के एक दंपती ने महाराजगंज जिले के एक गांव में मामा के यहां रह रही विवाहिता को दो माह पहले नशीला पदार्थ देकर लाया। फिर उस दंपति ने पिसावां इलाके के एक युवक को 50 हजार रुपये में युवती को बेच दिया। बेचने व खरीदने वालों ने विवाहिता को धमका कर यहां एक मंदिर पर जयमाल करा दिया। खरीदने वाला युवक विवाहिता को पत्नी के रूप में रखने लगा।

आपको बताते चलें कि दैनिक जागरण ने जिस महिला पर खबर बनाई वह महिला गोरखपुर जिले के बेलीपारा थाना क्षेत्र के महाराजगंज के हुड़रा मजरी निवासी एक युवक को ब्याही थी। किन्ही कारणों से कुछ समय से वह महाराजगंज जिले के ही एक गांव में अपने मामा के यहां रहने लगी। यहीं की सोनी नाम की महिला महोली के पीरपुर गांव निवासी नरेंद्र को ब्याही है। खबर के मुताबिक सोनी व उसके पति नरेंद्र ने विवाहिता को बहलाने फुसलाने में सफलता हासिल कर ली। जहाँ से दो महीने पहले महिला को महोली लाया गया। अगर जागरण की खबर की माने तो करीब नौ दिन अपने घर रखने के बाद नरेंद्र ने विवाहिता को पिसावां इलाके के सिकंदरपुर निवासी मनोज को 50 हजार रुपये लेकर बेच दिया।

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खबर में पहले भी राजनैतिक हस्तक्षेप का जिक्र करते हुए उल्लेख था कि नरेंद्र ने अपनी पत्नी व कुछ राजनीतिक पहुंच के लोगों के साथ मिलकर इस विवाहिता की एक धार्मिक स्थल पर ले जाकर मनोज से जबरन शादी करा दी। विवाहिता का आरोप है कि उसने शादी से इंकार किया तो इन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी। खौफजदा खरीद फरोख्त का शिकार महिला के पास सिर्फ विवशता थी। शनिवार को जब मनोज कहीं काम से गया तो मौका पाकर महिला ने 100 नम्बर पर काल कर दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो  उसने विवाहिता को साथ लेकर आरोपित को मनोज को दबोच लिया। जागरण ने पुलिस विवाहिता को बेचने वाले दंपती की तलाश में जुटे होने का उल्लेख भी अपनी खबर में स्पष्ट रूप में किया था।

जागरण ने एसओ जयशंकर सिंह का बयान डालते हुए लिखा कि जांच चल रही है। केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। दैनिक जागरण की इस खबर पर वादी के पत्र के सामने आने के बाद सवालिया निशान लग गए। मामला वसूली से जुड़ा हुआ भी प्रतीत होने लगा। इधर एस ओ जयशंकर ने पहले तो प्रकरण पर चुप्पी साध ली लेकिन बाद को पत्र में वादी के कहने के कारण कार्यवाही न करने की बात कही। वही दैनिक जागरण के पत्रकार ने महोली के भाजपा नेता के हाँथ होने का दावा करते हुए दूसरी क़िस्त भी प्रकाशित कर दी जिसके बाद मामला और गम्भीर हो उठा।

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फिलहाल जिस वीडियो को अखिलेश सिंह द्वारा बनवाये जाने की बात कही जा रही है वह वीडियो थाने के अंदर का है। ऐसे में अखिलेश का पक्ष मजबूत नजर आ रहा है। उक्त प्रकरण पर पड़ताल कर रहे गोरखपुर के पत्रकार न्यूज़ के सम्पादक ने मानव तस्करी के मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इस पर अखिलेश सिंह से देर तक बात की। उन्होंने एस ओ जयशंकर के बयानों पर हैरानी भी जताई। फिलहाल पुलिस के उक्त प्रकरण पर कई अलग अलग बयान सामने आ रहे हैं। महोली के पिसावां थाने के एस ओ तो एक ही हैं लेकिन उनके बयान इस मुद्दे को लेकर अनेक हैं। उन्होंने भड़ास4मीडिया, दैनिक जागरण, पत्रकार न्यूज़ सहित कई जगहों पर अलग अलग बयान बाजी की है। उक्त प्रकरण में पीड़िता द्वारा आखिर एक पत्रकार का नाम डालकर प्रार्थना पत्र सचमुच दिया गया या फिर यह एक पुलिसिया नाटक था यह दिलचस्प सवाल है।

और अंत में, जब इस सम्वेदी मुद्दे को नाटकीय मोड़ दिए जाने की बात पर आते हैं तो इसका निष्कर्ष एकदम स्पष्ट हो जाता है।

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पूरे मामले में दो सवाल खड़े होते हैं पहला क्या पत्रकार अखिलेश सिंह गलत है या फिर पुलिस के दोहरा मापदंड अपनाने की वजह से ऐसा हुआ। दूसरे सवाल से पहले यह जान लें यह मामला दोनो सवालों में उतना ही गम्भीर है कारण है पुलिस एक तरफ मीडिया के दबाव में है दूसरी तरफ अगर पत्रकार की माने तो पुलिस महोली के एक सत्ता से जुड़े नेता के दबाव में है इन तमाम मसलों के बावजूद एक महिला की तस्करी की कहांनी अपने दामन में बहुत से चुभते और दर्द भरे सवाल समेटे नजर आ रही है।

रामजी मिश्र ‘मित्र’
पत्रकार
[email protected]

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