यूपी के आबकारी विभाग के सर्वोच्च नौकरशाह संजय भूसरेड्डी को भेजे गए एक पत्र में शराब की एक दुकान में घपले-घोटाले के बारे में जिक्र किया गया है.
बताया जाता है कि आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार का आलम ये है कि जिस अफसर ने इस संबंधित दुकान के न चलने, इसका राजस्व जमा न होने की जांच रिपोर्ट भेजी, उसे ही सस्पेंड कर दिया गया. पता चला है कि इस दुकान की 2 साल से सिक्योरिटी तक नहीं जमा थी.
वर्षों से जो भ्रष्ट अफसर आंख कान मूंद कर शराब के खेल-तमाशे को बढ़ावा दे रहे हैं, उनका बाल तक बांका नहीं हो रहा है.
देखें पत्र-