सांसद को लिखकर पब्लिकली बधाई देने में कोई दिक्कत नहीं है. पर दिक्कत है कि अगर एक बड़े अखबार का ग्रुप एडिटर यह काम करता है तो कुछ लोग जरूर सवाल उठाएंगे. संपादक एलपी पंत यानि लक्ष्मी प्रसाद पंत का सांसद हनुमान बेनीवाल से ठीकठाक याराना हो सकता है, पर इस याराना का सार्वजनिक प्रदर्शन कोई शंका को जन्म देता है.
बधाई देते देते संपादक महोदय ने सांसद को व्यवस्था से टकराने वाला भी बता दिया है. तो ऐसे व्यवस्था से टकराने वाले हर पार्टी में मिलेंगे, हर जिले में मिलेंगे, हर पेशे में मिलेंगे. सबको बधाई देने की जरूरत है. सबके जन्मदिन को याद रखने की जरूरत है. सिर्फ सांसद को ही क्यों बधाई दी जाए…. एलपी पंत के इस ट्वीट पर कई लोगों को आपत्ति है. कुछ एक ने स्क्रीनशाट भड़ास को भेज दिया है.
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