Ambrish Kumar : लखनऊ में एक समाजवादी पत्रकार को भी आज पुरस्कार मिला, मधुकर त्रिवेदी को. तीन दशक की पत्रकारिता के बाद आज तक कोई ढंग का वाहन नहीं ले सके. वे राजनारायण से लेकर आज तक के समाजवादियों के साथ जुड़े हुए हैं. पुरुस्कार पर बधाई बहुत कम देता हूँ पर इन्हें वाकई बधाई. ये जमीनी पत्रकार हैं. जुगत, जुगाड़ वाले नहीं. पता नहीं कैसे इनका नाम सूची में आया और अंत तक अफसरों के दबदबे के बावजूद कटा नहीं. इसलिए जिसने भी इनके नाम का चयन किया हो, उसे भी बधाई. अंत में यही लोग काम आयेंगे.
वरिष्ठ पत्रकार और शुक्रवार मैग्जीन के संपादक अंबरीश कुमार के फेसबुक वॉल से.
Comments on “मधुकर त्रिवेदी तीन दशक की पत्रकारिता के बाद भी आज तक कोई ढंग का वाहन नहीं ले सके”
मेरी ओर से भी बधाई।
भाई, लगता है कि होली में भांग ज्यादा हो गयी। मधुकर जी पिछले बीस साल से समाजवादी पार्टी के दफ्तर में प्रेस नोट लिखने की वैतनिक नौकरी कर रहे हैं .