एडिटर मनोज माथुर के निधन से पत्रकार जगत स्तब्ध

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राजस्थान का पत्रकार जगत आज हंसमुख, मिलनसार अपने वरिष्ठ पत्रकार मनोज माथुर के निधन की खबर से अंदर तक हिल गया है। आज सुबह उनके हार्ट अटैक से निधन ने सभी को झकझोर दिया। मनोज माथुर के निधन से हुई मीडिया जगत को हुई क्षति को कभी नहीं भरा जा सकता है।

भारतीय प्रेस पत्रकार संघ के अध्यक्ष अभय जोशी ने कहा की श्री मनोज माथुर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार को ये असीम दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से कामना करते है। ये पत्रकार जगत के लिए बेहद दुख का दिन है। जोशी ने बताया की मनोज माथुर का व्यक्तित्व बेहद निराला था और बेहद जटिल हालातों में भी वे सदेव मुस्कराते थे। वे अपने मित्रों एवं साथ काम करने वालो के साथ ही पूरे पत्रकार समाज के लिए प्रेरणा के पुंज थे।

वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र शर्मा लिखते हैं…

मनोज भैया…एक बेहतरीन पत्रकार की मृत्यु पर समाज को रोना चाहिये। एक भला मनुष्य और सुलझा हुआ पत्रकार क्या होता है। यह देखना हो तो मनोज माथुर का नाम सदा याद किया जायेगा। ज़ी ग्रुप में संपादक बनना और फिर भी सदा विनम्र रहना कहाँ किसी के चरित्र में होता है। अजमेर की गलियों से निकलकर पत्रकारिता में इतना बड़ा मुकाम हासिल करने की यात्रा बहुत मुश्किलों भरी थी। अभी दो मिनट पहले यह सूचना मिली तो दिल अन्दर तक हिल गया कि क्या मनोज भैया अब नहीं रहे… अक्सर हाथों पर शर्ट की स्लीव्ज चढ़ा कर तेज गति से नियमित सेन्ट्रल पार्क में वॉक करने वाले मनोज भैया…दिखने में पूरी तरह से स्वस्थ।

कभी किसी की आलोचना या बुराई तो उनके स्वभाव में ही नहीं थी। हमेशा मुस्कुराता हुआ उनका चेहरा अब कभी नहीं दिखेगा। हिन्दी पत्रकारिता की यह सबसे बड़ी त्रासदी है कि इस कार्यक्षेत्र में 45 से 55 की आयु आते आते पत्रकार की देह आम तौर पर रोज रोज का दबाव झेलते झेलते खत्म हो जाती है। अकेले राजस्थान में विगत दस बरसों में 50 से ज्यादा पत्रकार इसी आयु वर्ग में विदा हो गये हैं। कहने को मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है लेकिन बाकी तीन का ध्यान सरकार रखती है कि वे स्वस्थ रहें। यह चौथा स्तम्भ जर्जर हो चुका है किसी को इसकी परवाह नहीं।

समाज को भी पत्रकारों और पत्रकारिता की कोई चिंता ही नहीं। मनोज माथुर जैसे पत्रकार की असमय मृत्यु उस समाज के लिये भी रोने का कारण बनेगी जो पत्रकारों को गाली बकने के लिये तो तुरन्त आगे आ जाता है लेकिन उनकी जीवन शैली से उसे कोई सरोकार ही नहीं। ईश्वर ने आज यह बहुत बड़ा अन्याय कर दिया है। मनोज भैया सादर नमन…

मूल खबर-

‘ZEE डिजिटल राजस्थान’ के एडिटर मनोज माथुर का हार्ट अटैक से निधन

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One comment on “एडिटर मनोज माथुर के निधन से पत्रकार जगत स्तब्ध”

  • I m sorry to say…but tum patrakar log waise too aapni patrakarita aur desh seva ke liye saach likhte hoo and dikhale hoo….but inhe publish kon karta hai…tumhara maalik…yaane ke channel ka owner….tum kitna bhi deshbhakt hoo…but ye saala owner ….ye too aapna hi profit dekhte hai na…. tumhara news ke daalali kar kar ye aapni naazayaz aaulaad paalte hai…. kyunki joo Aaulad yene paapa kehte hai….woh inki bewi ke yaar ke utpaadan hai….bekka huai Media and GB Road ke R mein ek hi Samantha hai…..

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