Swatantra Mishra-
ज़ी न्यूज़ में मेरे मैनेजर रहे मनोज माथुर की आज अचानक मौत हो गई। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। मैंने उनके साथ बमुश्किल दो महीने ही काम किया।
21 जुलाई को उनको मेरी रिपोर्टिंग मिली और 10 अगस्त को मैंने इस्तीफ़ा दे दिया। मैंने WFH मांगा और उन्होंने बगैर आपत्ति के अनुमति दे दी। 13 सितंबर को मैं ऑफिस गया और उनसे कहा कि आप मुझे रिलीव कर दीजिए। उन्होंने इस काम में भी सहयोग किया और मुझे 6 अक्टूबर की बजाय 15 सितंबर को ही रिलीव कर दिया गया। यहाँ यह सब बताने का मक़सद सिर्फ इतना है कि मनोज जी इंसान सुलझे हुए और अच्छे थे।

मेरी विदाई पर उन्होंने मुझसे कहा कि स्वतंत्र जी आपका मुझे बहुत सहारा था और नौकरी छोड़ने की आपकी वजह जायज है। शायद मैं आपका मैनेजर पहले बना होता तो आपको यहाँ से जाने नहीं देता। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं हर हफ्ते जयपुर अपने परिवार और बच्चों से मिलने जाता हूँ, अब वहाँ हम ज़रूर मिलेंगे।
पर जीवन बहुत निर्मम है मनोज सर। कब किसका हाथ और साथ छूट जाए, साँस कब थम जाए, यह कोई नहीं कह सकता। हम आंखों में आँसू लिए बस चुपचाप सब देखने को अभिशप्त होते हैं।
आपके परिवार और बच्चों को पहाड़ सी विपत्ति सहने का धैर्य मिले।