भास्कर गुहा नियोगी-
विश्वनाथ कारिडोर में मंदिरों को तोड़ने से लोग नाराज़
काशी। लोकतंत्र में जनता की वोट से चुने हुए प्रतिनिधि भले ही पांच साल अपने मन का कर लेकिन मतदान का दिन जनता का दिन होता है जिस दिन खुद को जन से ऊपर समझने वाले धुरंधर सुरमाओं को जनता धूल चटा ही देती है। भाजपा के लिए हार्ट लैंड माने जाने वाले काशी में शहर दक्षिणी से विधायक और मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी का वायरल वीडियो इन दिनों चर्चा में है वीडियो में मंत्री जी जनता से माफी मांग रहे है पर माफी किस बात की?
काशी (वाराणसी) में चुनाव अंतिम चरण यानी 7 मार्च को है ।सूत्रों के अनुसार इस बार शहर दक्षिणी में भाजपा की हवा खराब है इसका सबसे बड़ा कारण काशी विश्वनाथ कारिडोर है जिसे लेकर भाजपा हिन्दू पुनर्जागरण से लेकर बाबा विश्वनाथ के मुक्ति का दावा करती रही है पर आम जनता कारीडोर के चलते देव विग्रहों और मंदिरों के तोड़े जाने से नाराज़ है। मंदिरों और विग्रहों के तोड़े जाने को लोग औरंगजेब और गजनवी जैसा कृत्य बताते है।
यहां न सिर्फ सदियों पुरानी मंदिरों को तोड़ा गया बल्कि रातो-रात देव विग्रहों को भी गायब कर दिया गया तकरीबन 60 मंदिर कारीडोर के पेट में समा गये है विश्वनाथ गली के ही रहने वाले ज्योतिष और राम नामी बैंक के संचालक राम कुमार महरोत्रा कहते है कि “आने वाला युग बतायेगा कि एक ऐसा शासक था जिसने धर्म के नाम पर राजनीति की लोगो को बांटा मंदिरों का नामोनिशान मिटा दिया।
वो कहते है शनि भगवान न जाने कहां गोदाम में पड़े हुए है इतने मंदिर तोड़े जाते रहे लेकिन संत समाज खड़ा नहीं हुआ। सरस्वती फाटक(विश्वनाथ गली) के रहने वाले मणिशंकर त्रिपाठी का कहना है कि सनातनियों के प्राण स्थान काशी पर प्राणघातक हमला और किसी ने नहीं स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है कारिडोर के नाम पर धार्मिक स्थलों का अस्तित्व मिटाया गया उनका कहना है कि ये हमला काशी को क्योटो बनाने की घोषणा के साथ शुरू हो गया था। वो कहते है एक आदमी पर आंख बंद करके भरोसा करने का परिणाम काशी भुगत रही है। शिक्षक पंडित योगेश ब्रह्मचारी मंदिरों को तोड़े जाने से नाराज़ है कहते है सरकार के कारिडोर का नक्शा खुद मंदिरों के तोड़े जाने की गवाही देता है।
शहर दक्षिणी पर पिछले आठ चुनावों से भाजपा ही काबिज होती चली आ रही है लेकिन इस बार काशी की क्षुब्ध जनता सबक सिखाने के मूड में है ऐसे ही नहीं चुनाव प्रचार थमने से पहले 26घंटे तक प्रधानमंत्री मोदी के रथ को काशी (वाराणसी) में घूमाने की योजना बनाई गई है।
वीडियो देखने के लिए इस पर क्लिक करें-
https://twitter.com/yashbhadas/status/1499654762656301061?s=21
Prashant
March 4, 2022 at 1:29 pm
Thoda samajhne wali baat hai saath hi reaserch ki bhi jarurat hai. ye sahi hai ki bahut kuch toda gaya. Magar, ye bhi sach hai ki un galiyon ke logo ne bahut saari choti mandiro par kabja kar ke dukan or makan me privartit kar diya tha. Aaj yahi log narazgi dikha rahe hai. Us samay unko apne me Aurangzeb or Gaznavi nahi dikha.
Ha, Sirf virodh karne ke liye virodh karna hai to alag baat hai.
** Ham bade lekhako se ye umeed karte hai ki wo puri sachchayee likhe. Satya likhe mast na likhe.