लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट में एक ऐसे मंत्री भी हैं जिन्होंने न तो विधायक रहते कभी वेतन और भत्ता लिया था और न ही मंत्री बनने के बाद वह वेतन ले रहे हैं। यह विधायक (अब मंत्री) प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की उत्तरी विधान सभा सीट से चुनाव जीतने वाले युवा नेता रविन्द्र जायसवाल हैं। रविन्द्र अपने वेतन से अपने विधानसभा क्षेत्र में बिजली के खंभे और बड़ी संख्या में सोलर लाइटें लगवा रहे हैं।
योगी कैबिनेट में शामिल नए चेहरों में वाराणसी शहर उत्तरी के विधायक रवींद्र जायसवाल लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। रवींद्र जायसवाल ने हाल ही में योगी मंत्रिमंडल में शपथ ली। वर्ष 2012 में जब वह चुनाव जीते तो अन्य विधायकों से कुछ अलग करते हुए विधायक के तौर पर मिलने वाले वेतन को उन्होंने जब पहली बार लेने से इनकार किया तो उनकी चैतरफा तारीफ हुई थी।। दूसरी बार 2017 में विधायक चुने जाने पर भी उन्होंने सैलरी न लेने का सिलसिला जारी रखा।
वाराणसी के बड़े व्यवसायी परिवार से जुड़े रवींद्र जायसवाल के बारे में लोग कहते हैं कि उन्होंने पहले कार्यकाल में अपनी विधानसभा क्षेत्रों में बेहतर बिजली सप्लाई के लिए वेतन से खंभे खरीदकर उपलब्ध कराए तो दूसरे कार्यकाल में वह सोलर लाइटें लगवाकर गलियों और सड़कों को अंधेरे से मुक्त करने में जुटे हैं।
मंत्री बनने के बाद बातचीत में रवींद्र जायसवाल ने कहा कि वह वाराणसी और पूर्वांचल की प्रगति पर विशेष ध्यान देंगे। काशी और पूर्वांचल की खुशहाली में ही प्रदेश की खुशहाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विकास का संकल्प लिया है। वे अपनी तरफ से इस संकल्प को पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।