मुंबई : राज्य में पत्रकारों व मीडिया कार्यालयों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को नागपुर में एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के कार्यालय पर हमला हुआ। इस पूरे मामले को राज्य के मुख्य सचिव ने गंभीरता से लिया है। गुरुवार को उन्होंनें पत्रकारों के एक शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि पत्रकारों पर हमला विरोधी कानून का मसौदा जल्द ही मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा। राज्य में पिछले 10 महीने में 7 समाचार पत्र कार्यालयों पर हमले हो चुके हैं। इस दरमियान करीब 52 पत्रकारों पर हमले हुए। पिछले सप्ताह ही नवी मुंबई क्षेत्र में एक महिला पत्रकार पर जानलेवा हमला किया गया।
इस मसले को लेकर महाराष्ट्र मंत्रालय व विधानमंडल पत्रकार संघ ने मुख्य सचिव से मुलाकातकर एक ज्ञापन दिया। संघ के अध्यक्ष प्रवीण पुरव ने मुख्य सचिव को बताया कि पत्रकारों और मीडिया कार्यालयों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। पत्रकार संगठनों की बार-बार मांग के बावजूद पत्रकार हमला विरोधी कानून नहीं बन सका है। संघ के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार अनिकेत जोशी ने मुख्य सचिव को बताया कि पत्रकारों और मीडिया पर हमले कर उसे डराने की कोशिश लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छी नहीं है। शिष्टमंडल में वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह कौशिक, सुरेंद्र मिश्रा, विनोद यावद, नेहा पुरव, आशा मटाले व अन्य सदस्य थे। पत्रकार हल्ला विरोधी कृति समिति के संयोजक एस.एम. देशमुख ने कहा कि पत्रकारों और मीडिया कार्यालयों पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए खतरा है। नई सरकार को पत्रकारों पर हमला विरोधी कानून को जल्द से जल्द पारित कराने की कोशिश करना चाहिए।
Kashinath Matale
November 23, 2014 at 2:16 pm
Jaha Kisi par bhi Hamla Hota hai, to uske liye Hamla virodhi kanoon hona hi chahiye.
Ek Bar Nagpur me paper delivery/parcel gaddi(four wheeler vehicle kisi technical fault ki vajase late ho gai, to vahapar upshit logone-paper hawker wale ne gadi pather markar hamla kiya, kuchh mamuli chote parcel dalnewale employess(non-journalist employees) ko aayi.
Isiliye Yeh hamla virodhi kanoon Newspaper me kam karnewale every employee ke liye banana chahiye.
Thanks!