मऊ (उत्तरप्रदेश) : प्रदेश में पुलिस द्वारा पत्रकारों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं, कही पत्रकार की माँ को पेट्रोल डालकर फूंका जा रहा है तो कही पत्रकार को जिन्दा जलाया गया। चारो तरफ पत्रकारों में प्रशासन को लेकर गुस्सा है, कही प्रोटेस्ट मार्च किया जा रहा तो कही पत्रकार सुरक्षा अधिनयम बनाने की मांग हो रही। पत्रकारो का एकजुट होना तो दूर, यहां के पत्रकार सोमवार को सभी मर्यादाओं को लांघकर पहुंच गए कप्तान की दावत में। जमकर जाम छलकाए गए।
बिना किसी त्यौहार के ही अचानक कप्तान दफ्तर से सोमवार को सभी पत्रकारो को फोन गया और उन्हें शाम को पुलिस लाइन में भोज पर आमंत्रित किया गया। कुछ ने सीधे मना कर दिया लेकिन अधिकांश पत्रकार पहुंचे। महफ़िल जमी थी। पहले सभी ने अपना परिचय दिया, फिर अधिकारियों तक पहचान बनाने की होड़ मच गयी। धीरे-धीरे मजाक शुरू हुआ। फिर गाना-बजाना हुआ। सभी पत्रकारों सहित अधिकारियों ने गाना गया। फिर दौर शुरू हुआ जाम का, सभी कलमकारों ने छक कर दारू पी।
पत्रकारों ने कप्तान से वादा किया कि हम सब पत्रकार आपके विश्वास पर खरा उतरेंगे। आपने जो प्रशासन और मीडिया को एक धागे में पिरोने का काम किया है, उसके लिए हम आपके आभारी हैं। बात स्पष्ट है कि प्रशासन मीडिया से क्या चाहता है। मीडिया मैनेज रहे बैड वर्क को दबाया जाए। पुलिस के गुड वर्क का महिमामंडन करके जनता के सामने पेश किया जाए। आज अख़बार को छोड़कर बड़े अखबारों और चैनेल के ब्यूरो चीफ ने जो कप्तान से वादा किया, उसके मुताबिक अब वह पुलिस के पक्ष में खबरें दिखाएंगे और बताएँगे।
पुलिस कप्तान की दावत की खबर फेसबुक पर आते ही जनता मऊ के मीडिया को दलाल का तमगा देने लगी है। ऐसे ही पत्रकारों की वजह से पत्रकारिता का स्तर रसातल में पहुंच चुका है। आपको बता दे कि यह वही कप्तान है जो जिले का प्रभार सँभालते समय कुछ चहेते पत्रकारो को छुड़ाकर बड़े अख़बारों के पत्रकारों और मठाधीशों को कहा था कि आप पत्रकारिता के आड़ में अपना धंधा चला रहे हो, वही चलाओ।
पत्रकार अवनिंद्र सिंह से संपर्क : [email protected]