यशवंत सिंह-
अमेरिका से नाक कटवा कर लौटे राजा बाबू ने बहस का नया अजेंडा सेट करने के लिए इंजीनियर का भेष धरा और पहुँच गए साइट पर। गोदी पत्तलकार लगे गाने- मेरा सैंया सुपर स्टॉर… मेरा बाबू छैल छबीला मैं तो नाचूँगी!
अजब तमाशा है।
अपना चीफ़ सच में चीप है।
टेबल पर देश की सैकड़ों फ़ाइल पड़ी होंगी पर इस शख़्स को चिंता बस अपनी इमेज चमकाने की रहती है और इस काम के लिए खूब टाइम रहता है। वैसे कहता है कि दिन रात काम करता हूँ।
इसकी चिंता बस मीडिया में अपने अनुकूल अजेंडा चलवाने की होती है।
ट्विटर पर राजा बाबू और सिविल इंजीनियर नाम से दो हैश टैग ट्रेंड कर रहे हैं।
देख आयिये। भरपूर मनोरंजन है।
देश की आर्थिक हालत चौपट होती जा रही है।
बेरोज़गारी महंगाई विकराल है।
सिर्फ़ मीडिया सेक्टर से पाँच साल में 78 प्रतिशत नौकरी जाने का डेटा आ चुका है। ज़्यादातर सेक्टर का कमोबेश यही हाल है।
पर राजा बाबू को फ़िकर नॉट! उन्हें तो बस खुद को दिखाना चमकाना है हर जगह।
मनोरोगी कहीं का!
आलोचना करने वालों को सबक़ सिखाने के लिए एक तरफ़ भों-भों दुर-दुर कटखने भक्तवे छोड़ रखे हैं तो दूसरी तरफ मुँह खोलने वालों पर जंता के पैसों से सेलरी उठाती डंडा भांजती केंद्रीय तोता मैना हुंड़ार सियार भालू बंदर बिच्छू बैल गदहा ब्रिगेड। इतनी गोदी एजेंसियाँ तो कम से कम होंगी ही।
इसी डर से हम जादा नहीं लिखेंगे क्योंकि जेल वेल भेज दिया तो बेल करा के निकलने में जो लाखों खर्च होंगे ऊ पैसवा भी नहीं है और न ही कोई बड़ा वकील मित्र है जो सुप्रीम कोर्ट जाकर अभिव्यक्ति की आज़ादी की दुहाई देकर हुज़ूर माई बाप से न्याय व्याय बारगेन कर खींच लाए।
इसलिए चुप्पे देख तमाशा राजा बबुवा का!