एनडीटीवी द्वारा प्रमोटेड और अरुंधती राय द्वारा फंडेड वेबसाइट मीडिया विजिल के बारे में खबर आ रही है कि यहां सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने लगे हैं. फंड मिलने के बाद जोर शोर से आफिस शुरू होने के बाद लाकडाउन का दौर शुरू हुआ. इसी बीच जिन लोगों को भर्ती किया गया था, उनकी सेलरी टाइम से नहीं मिली. कुछ अन्य विवाद भी आ गए.
इसके बाद संपादक पद से अभिषेक श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया. कई रिपोर्टरों ने सेलरी न मिलने पर नाराजगी जताई है. फंड मिलने, स्टाफ भर्ती करने और आफिस खोलने के बाद अचानक क्या हो गया कि टीम के ज्यादातार लोगों ने ही मीडिया विजिल से तौबा कर लिया, इसके बारे में इसके मालिक पंकज श्रीवास्तव ही बता सकते हैं जो लंबे समय तक आईबीएन7 चैनल में कार्यरत रहे हैं.
नीचे एक मेल पढ़िए जिसे अभिषेक श्रीवास्तव ने अपने शुभचिंतकों को भेजा है ताकि नई जानकारी से सभी लोग अपडेट हो जाएं-
नमस्कार
यह मेल आप सभी को सूचित करने के लिए लिख रहा हूं कि मीडियाविजिल वेबसाइट और उसे चलाने वाले मीडियाविजिल ट्रस्ट से मैं औपचारिक रूप से अलग हो चुका हूं।
मैंने 2016 की जनवरी में मीडियाविजिल वेबसाइट बनायी थी और तब से ही इसका परिचालन कर रहा था। बीते 31 मार्च को इसके कार्यकारी संपादक के पद से और दो दिन पहले 4 अप्रैल को मीडियाविजिल ट्रस्ट के ट्रस्टी पद से मैंने ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. पंकज श्रीवास्तव को अपना औपचारिक इस्तीफ़ा सौंप दिया है।
मेरे साथ जुड़ी रही पत्रकारों और कुछ लेखकों की टीम ने भी वेबसाइट से अपना सम्बंध विच्छेद कर लिया है। इसके अलावा तीन महत्वपूर्ण स्तम्भकारों− आनंद स्वरूप वर्मा, जितेन्द्र कुमार और डॉ. एके अरुण ने भी अपने स्तम्भ रोक दिए हैं।
सादर,
अभिषेक श्रीवास्तव