उमेश श्रीवास्तव-
ग़ाज़ीपुर में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य Dr आनंद कुमार मिश्रा के आदेश पर उप प्राचार्य dr नीरज, dr Majeed, और आसिफ़ ने रात को 10:30 बजे पहुंच कर दरवाजा खटखटाया। मेरे दरवाजा खोलते ही तुरंत स्ट्रेचर लाकर मेरे पिताजी को उस पर लिटा दिया और कहा कि अभी तुरंत इस कमरे को खाली करो।
हमने कहा कि हमें समय दीजिए। उन्होंने कहा कि समय नहीं है, आप तत्काल अपना सब सामान ले जाइए।
मैंने जब विरोध किया तो सामान उसी स्ट्रेचर पर रखकर उन्होंने स्वयं मरीज़ लदे स्ट्रेचर को बाहर कर दिया और सीढ़ी के रास्ते थर्ड फ्लोर पर ले जाने लगे। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि आपके ऊपर मुकदमा मुकदमा कर दिया जाएगा। इस पर मैं तुरंत वीडियो बनाने लगा। जब मैंने कहा कि मीडिया को बुलाऊंगा और मैं यही धरने पर बैठ लूंगा, आप मेरे ऊपर f.i.r. करके मुझे जेल भेज दीजिए।
मुझे वीडियो नहीं बनाने दिया। मैं ऊपर भी नहीं गया। आधे घंटे के बाद प्राचार्य का फोन आया कि गलती हो गई है, उसी कमरे में चले जाइए, आप के मरीज को उसी कमरे में शिफ्ट किया जा रहा है।
करीब एक घंटा के ड्रामा के बाद मेरे पिताजी का पूरा शरीर ठंडा हो गया। ऐसी स्थिति में कुछ भी हो सकता है। इस डर से उन लोगों ने तुरंत पहले वाले कमरे में शिफ्ट कर दिया। यह हालत है मेडिकल कॉलेज गाजीपुर की। यहाँ मेरे जैसे व्यक्ति की जब यह हालत है तो आमजन का क्या हाल होगा, आप खुद समझ सकते हैं।
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उमेश श्रीवास्तव ग़ाज़ीपुर के समाजसेवी हैं।