महरुद्दीन खां जैसा व्यक्ति हिंदू या मुसलमान नहीं होता, वह तो सिर्फ इंसान होता है

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Yashwant Singh : मेहरूद्दीन सर की एक चिट्ठी आई है. आप भी पढ़ें. उनके दर्द को समझें. नीचे अटैच है. वे किन हालात में जी रहे होंगे, ये भी समझें. उनका गांव दादरी के पास है, जो ग्रेटर नोएडा में है. उन्हें गोली से मारने की धमकी दी जा रही है, सिर्फ इसलिए वे जिस गांव में रहते हैं, वहां वो मुस्लिम हैं. ऐसे हालात में अगर हम सब शर्मिंदा नहीं होंगे, खान साब के पक्ष में खड़े नहीं होंगे तो सभी को धिक्कार है. हम जिस देश में रहते हैं वहां गोलियां मजहब जाति भाषा क्षेत्र रंग रूप के आधार पर कतई नहीं चलाई जा सकती. ऐसा होता है तो यह परम आपराधिक कार्य है.

खान साब ने भड़ास पर दर्जनों बार लिखा है. उनके हर लिखे को पढ़कर मैंने यही सोचा कि ये शख्स न होता तो हिंदी खासकर हिंदी की एनसीआर की पत्रकारिता में एक बड़ा खालीपन होता. नवभारत टाइम्स, दिल्ली में खान साब लंबे समय तक रहे हैं. बाद में दशकों तक कई अखबारों में लिखा पढ़ा और काम किया है. बतौर स्वतंत्र पत्रकार वह कई जगह कालम लिखते रहे हैं.

खान साब न तो कुलदीप नैय्यर जैसे हाइप्रोफाइल पत्रकार हैं और न ही खुशवंत सिंह सरीखे धनी बैकग्राउंगड के रहे हैं. चाहते तो ये आज बड़े नेता या स्वनामधन्य बड़े पत्रकार होते. लेकिन इनकी ज़िद तो बस यही रही कि उन्हें वैसे ही रहना है जैसे वे इस धरती पर आए. बड़े पदों पर कई नौकरियां इनने कीं, लेकिन अंततः इनका सपना अपने गांव में ही बसने की रही. इनके लिए बड़ा आसान होता कि वह किसी दिल्ली नोएडा गुड़गांव की बड़ी बिल्डिंग में खुद के लिए घर ले लिए होते. पर उनने अपने गांव में रहकर जीना मुनासिब समझा.

अपनी गाढ़ी कमाई से जो कुछ खान साब कर सके, उनने अपने गांव में वही किया और आज भी वो अपने गांव में हैं. उनके गांव स्थित घर में जाकर दर्जनों पत्रकारों ने कई त्योहारों पर खाया पिया लेकिन खान साब सबकी दावत करने के बाद भी किसी के ओहदे धन पद मकान से प्रभावित विचलित नहीं हुए. उनने अपने गांव को, अपने घर को ही अपना अंतिम मंजिल माना.

पर खान साब के परिजनों को अब इसलिए गोली मारी जा रही है, धमकाया जा रहा है कि वो मुस्लिम हैं.

ये सब लिखने के कारण मुझे मुस्लिम परस्त माना जा सकता है लेकिन कहना चाहूंगा कि मैं खुद को मनुष्य परस्त मानता हूं, मनुष्य किसी भी धर्म मजहब जाति गोत्र रंग रूप इलाके भाषा बोली का हो. मैं कहूंगा कि खान साब एक सच्चे देशभक्त हैं, उन जैसा दूजा नहीं.

नोएडा पुलिस और यूपी सरकार से अपील है कि वरिष्ठ पत्रकार महरूद्दीन खान जी के जानमाल की सुरक्षा की जाए और उन्हें व उनके परिजनों को गारंटी दी जाए की दोषी अपराधी लोग तुरंत जेल में भेजे जाएंगे और उनको इत्मीनान से गांव में रहने दिया जाएगा.

मूल खबर ये है…

मुस्लिम होने के कारण बुजुर्ग ईमानदार पत्रकार महरुद्दीन खान को गांव न छोड़ने पर गोली मारने की धमकी

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

उपरोक्त स्टटेस पर आए कुछ कमेंट इस प्रकार हैं…

Punit Bhargava अर्मत्य वीर पुत्र हो, दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है बढ़े चलो बढ़े चलो

Swapnil Kumar खान साहेब के साथ आपके जज्बे को भी सलाम ….. उम्मीद है सरकार उचित कार्यवाही करेगी

Aflatoon Afloo उनके गांव का नाम बताइए।

Shubhabrata Sengupta Inform ISIS immediately to help u there..

भूपत शूट इस तरह घटनाएँ घटित हो रही हैं तो बहुत ही खेदजनक हैं.

Pushpendra Soni Shame shame

Rehan Ashraf Warsi It’s Dadri just 50 km from Delhi.

Shams ‘Adnan’ Alavi Thanks Yashwant bhai for raising the issue, and writing with such passion.

Pradeep Sharma salaam h aap dono ko………

Anurag Aalam ये तो बिल्कुल गलत हो रहा है…

Sanjay Rai sharmnaak!!!

Syed Husain Afsar afsoosnak aur sharamnaak bhee.

Lalit N. Jha Nindniye or hriday vidarak !!

Firoj Khan aawaz uthayi jaani chahiye…

पंकज कुमार झा उफ़ .. निंदनीय. खान साहब की सुरक्षा का उपयुक्त प्रबंध हो.

Aditya Singh ये तो गुंडई है। गाँव से कोई कैसे निकाल सकता है?

अब्दुल रशीद बेहद शर्मनाक, हिफाजत का इंतज़ाम होना चाहिए

Nevil Clarke Hum kaise Hindustan mai rehte hai?

Rajeev Ranjan Vimal Mera manna hai ki…

Opsaxena Saxena बहुत अफसोस हुआ महरुद्दीन खां का पत्र पढ कर। काफी समय मेरठ में उनके साथ बिताने का मौका मिला। कई खबरें हमने साथ मिलकर की। कभी भी यह महसूस नहीं हुआ कि वह मुसलमान हैं। दरअसल महरुद्दीन खां जैसा व्‍यक्ति हिंदू या मुसलमान नहीं होता वह तो सिर्फ इंसान होता है। ऐसे सच्‍चे इंसान की हर तरह से मदद की जानी चाहिए। खास तौर से गाजियाबाद के पत्रकार मित्रों से अनुरोध है कि वह इस मामले को लकर प्रशासन पर दबाव बनाएं और धमकी देने वालों को गिरफ्तार करवा कर सजा दिलाने के साथ भाई महरुद्दीन की सुरक्षा का माकूल बंदोबस्‍त करें।

Vijay Vidrohi सरकार ही दादा है तो क्या कहने

Arun Srivastava यह क्ट्टर मानसीकता की देन है।.. पढाई से लेकर नवकरी तक हर चेत्र मे मुसलमानो के साथ काम किया है क्भी किसी मे हिंदू मुसलमान की भावना नही रहीSee Translation

Abdul Noor Shibli mera desh mahan. main khan sahab se pratap bhavan mein kayi sal pahle mila tha jab wah shah times nikalne ja rahe the. bahut achche insan hain. agar aise admi ko dhamki milegi to is desh ka bhagwan hi maalik hai

Hemant Tyagi सभी पत्रकारों को भाई मेहरुद्दीन खान के साथ खड़ा होना चाहिए और गुंडों के भय से उन्हें मुक्त कराना चाहिए आखिर वो इतने पुराने और वरिष्ठ पत्रकार है कल सब को ही इस उम्र में आना है जब ना कोई अखबार होगा न शरीर में शक्ति होगी। ये हिन्दू मुस्लिम सोच के लोग ही देश को तबाह कर देंगे।

Himanshu Vishwakarma suresh gandhi ke sath kitne log khade the

Riyaz Hashmi बेहद शर्मनाक। आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। #Akhilesh Yadav जी, विदेश से लौटते ही इस मामले का प्राथमिकता पर समाधान कीदिए।

Kripa Krishna कहां जा रहा है समाज ………. कहां खो गइ मानवता ………….. मजहब के नाम पर कब बन्‍द होगा खून खराबा……………. लोग चांद पर पहुच गए लेकिन सोच में बदलाव नही ला पाए

Rehan Ashraf Warsi The most panic it’s almost in NCR.

Swapnil Kumar बहुत दुखद है कि केवल कौम के नाम पर एक राष्ट्रभक्त को परेशान किया जा रहा है ! सरकार को शिघ्रातिशीघ्र यथोचित कार्यवाही करनी चाहिए और दोषियों को कडा दंड देना चाहिए

Zafar Irshad Dukhad–Sharmnaak…yeh hai ACHHE DIN

Rahul Ayodhya माननीय श्री Akhilesh Yadav जी, कब तब ऐसा होता रहेगा आपके राज में।

Ksdubey Dubey eent se eent baja denge

Sp Dwivedi Sharmnak.

Kumar Kamlesh Es ekisvi sadi me v jat pat dharm ka name sunkar bhut dukh hota hai uncle hamlog aapke sath hSee Translation

Keshav Suman Singh Ye kathit pattrakar hindu , musalman ka beech mai daal kar chutiyapa kiun karte hoo.?? Kisi pattkar ko gaow chodne par vivash karna ye dukhad hai..muslim hone ke karan…jaisi sampradayik baat kar sahanubhuti batorne wala yadi koi padha likha hai …to sala sahi hua kiun ki insano ki basti mai wase bhi janwaron ko rahne ka adhikar nai hai…See Translation

Yaseen Chauhan So sad

संजय कुमार शुक्ला बिल्कुल अनुचित हो रहा है ये तो ।

Om Dwivedi Sharmnak

Om Prakash dukhad

Adarsh Prakash शर्मनाक । हर धर्म के लोगों को भारत में कहीं भी रहने की स्वतंत्रता है ।मैं पहले भी उनका पत्र पढ चुका हू ,क्षोभ व बताशा से भरा । प्रशासन चुप क्यों है। गोलियाँ मारने वाले गुंडे पकड़े क्यों नहीं जाते ? हम लेखक अनदेखी कर चुप क्यों हैं ?

Chand Shaikh Kong hai vo .kisi kid bap ka raj hai Kay??See Translation

Hemant Suri vaise Amitabh Thakur how come we never see post on something like Love Jihad. Afraid of stating the truth on Muslims or Dhimmi tude. Ok how about an article that says making minorities Dhimmi is wrong.

Ashok Nirwan tell me what can i help u. my cont no is 9711991712



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Comments on “महरुद्दीन खां जैसा व्यक्ति हिंदू या मुसलमान नहीं होता, वह तो सिर्फ इंसान होता है

  • maine to dr saab ke sath barson navabharat times men kaam kiya hai.bahut badhiya insaan hain.hum sabko is dam se hi unki madaa ke lie unke dadari gaon pahuchana shuru kar dena chahie.patrakaron ka mela sa lag jana chahie vahan.koi aise kaise goli dag dega un par?

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  • Kantimohan Sharma says:

    महरुद्दीन पुराने दोस्त हैं। उन्हें संकट में पाकर कष्ट हुआ। मैं किसी लायक तो नहीं, मगर पूरी तरह उनके साथ हूँ। हर तरह के सहयोग के लिए तत्पर।

    Reply

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