गाजियाबाद में रहने वाली राज्यसभा टीवी प्रोड्यूसर मिलिता दत्ता मंडल की मौत के 15 दिन बाद सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस भले ही जांच बंद करने की तैयारी में जुटी हो। मगर पुलिस की नई थ्योरी पर कई सवाल उठ रहे हैं। मिलिता के दोस्त या पड़ोसी कोई भी इसे सुसाइड मानने को तैयार नहीं है। दोनों का कहना है परिवार से प्रेम करने वाली मिलिता सुसाइड नहीं कर सकती है। ये भी रहस्य बना है कि ऑफिस से सोसायटी लौटने के बाद ऐसा क्या हुआ कि मिलिता ने बिल्डिंग से छलांग लगा दी?
मिलिता की मौत के बाद ही पति सूर्य ज्योति और सास सांत्वना ने उनकी हत्या की आशंका जताई थी। हालांकि पुलिस पति से झगड़े की बात कह रही थी। अब 15 दिन बाद सुसाइड नोट बरामद होने की बात कहकर पुलिस मामले को सुसाइड मान रही है। राज्यसभा टीवी में ही कार्यरत मिलिता के एक दोस्त ने बताया कि मिलिता उनके साथ ही काम करती थीं। वह बेहद हंसमुख और सभी की मदद करने वाली थी। घटना के दिन वे ऑफिस में नहीं थी मगर एक दिन पहले तक वह सभी से बेहद अच्छे से मिली थीं। ऐसे में सुसाइड का सवाल ही नहीं उठता है। ऑफिस में उनके कई दोस्त थे। मगर किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया।
कहा ये भी जा रहा है कि मिलिता की मौत के बाद उनकी कार से बैग मिला था लेकिन सुसाइड नोट नहीं, लेकिन घटना के 15 दिन सुसाइड नोट मिलने की बात किसी के भी गले नहीं उतर रही है। सारे लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि क्या घटना के बाद पुलिस ने सही ढंग से कार की तलाशी नहीं ली थी? ऐसे में, ये आशंका भी जताई जा रही है कि पार्किंग में खड़ी कार में किसी ने सुसाइड नोट बाद में डाल दिया हो। इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच राजेश द्विवेदी ने बताया कि सुसाइड नोट की लिखावट और मिलिता की हैंडराइटिंग की जांच के लिए आगरा की लैब भेजा गया है। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे।
पुलिस मिलिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी देने से बच रही है। सिर्फ यही बताया गया है कि मिलिता के हाथ पैर और सिर समेत 40 जगहों पर हड्डी टूटी थी। पहले सामने आ रहा था कि पति ने पुलिस को मिलिता की कार की चाबी दी है लेकिन दिल्ली पुलिस ने बताया कि बुधवार को पीएम रिपोर्ट के साथ ही गाजियाबाद पुलिस को कार की चाबी सौंपी गई। मिलिता के घर में काम करने वाली मेड कविता ने भी बताया था कि घटना के एक दिन पहले ही वह काम करने आई थी और उन्हें मिलिता को टेंशन जैसी कोई बात नहीं थी। (साभार- अमर उजाला)