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उत्तर प्रदेश

मंत्रालय से विभाग पहुंचने में गायब हो जाता है अल्पसंख्यक आयोग का आधा बजट

हम आये दिन चोरी, डकैती, राहजनी की घटनाएं देखते है, और देखते हैं बाद में पुलिस का वर्क और इन अपराधियों को सजा भोगते हुए भी। पर आज की बात इन हालात की मजबूरी से बने चोर, डकैतों और राहजनों की नहीं है बल्कि उन सफेदपोश चोर, डकैतों और राहजनों की है जो सूबे के मुखिया के साथ मिलकर दिनदहाड़े डकैती डाल रहे हैं और आप को पता भी नहीं है। जी हाँ, ये डकैतियां पापी पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि पाप की कमाई से अपनी तिजोरियां भरने के लिए की जा रहीं हैं। एक ऐसी ही 68 लाख 95 हज़ार रुपये की डकैती का खुलासा आरटीआई से हुआ है।

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हम आये दिन चोरी, डकैती, राहजनी की घटनाएं देखते है, और देखते हैं बाद में पुलिस का वर्क और इन अपराधियों को सजा भोगते हुए भी। पर आज की बात इन हालात की मजबूरी से बने चोर, डकैतों और राहजनों की नहीं है बल्कि उन सफेदपोश चोर, डकैतों और राहजनों की है जो सूबे के मुखिया के साथ मिलकर दिनदहाड़े डकैती डाल रहे हैं और आप को पता भी नहीं है। जी हाँ, ये डकैतियां पापी पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि पाप की कमाई से अपनी तिजोरियां भरने के लिए की जा रहीं हैं। एक ऐसी ही 68 लाख 95 हज़ार रुपये की डकैती का खुलासा आरटीआई से हुआ है।

दरअसल राजधानी लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा ने मुख्य सचिव कार्यालय में एक आरटीआई दायर कर प्रदेश सरकार द्वारा सूबे के अल्पसंख्यक आयोग को वेतन और गैर वेतन मद में आवंटित बजट की सूचना माँगी थी। शर्मा की आरटीआई वित्त विभाग को अंतरित की गयी। बीते 10 अगस्त को वित्त विभाग के संयुक्त सचिव धीरज पाण्डेय ने संजय को सूचना दी कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में शासन ने अल्पसंख्यक आयोग को वेतन मद में 1 करोड़ 17 लाख 90 हज़ार रुपये और गैर वेतन मद में 20 लाख रुपये आवंटित किये।

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एक अन्य मामले में मुरादाबाद निवासी आरटीआई रिसर्चर सलीम बेग ने सूबे के अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय में एक आरटीआई दायर कर प्रदेश सरकार द्वारा सूबे के अल्पसंख्यक आयोग को वेतन और गैर वेतन मद में आवंटित बजट की सूचना माँगी थी। बीते 1 सितम्बर को अल्पसंख्यक आयोग के सचिक मो० मारूफ़ ने बेग को सूचना दी है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में अल्पसंख्यक आयोग को वेतन मद में 58 लाख 95 हज़ार रुपये और गैर वेतन मद में 10 लाख रुपये आवंटित हुआ है।

अब बड़ा सबाल यह है कि शासन से अल्पसंख्यक आयोग तक आने के रास्ते में ये 68 लाख 95 हज़ार रुपये कहाँ छूमंतर हो गए? संजय इस कारनामें को अखिलेश के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा को  रखे गए 68 लाख 95 हज़ार रुपयों की दिनदहाड़े की गयी डकैती की संघ्या देते हैं और कहते हैं कि शासन के वित्त विभाग से आवंटित 1 करोड़ 37 लाख 90 हज़ार रुपये अल्पसंख्यक आयोग आते-आते आधे ही रह जाने और रास्ते में ही बाकी आधे रुपये गायब हो जाने का यह प्रकरण निहायत ही शर्मनाक है।

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संजय का कहना है कि कम से कम अखिलेश ने अल्पसंख्यकों और विशेषकर मुस्लिमों के प्रति अपनी कथनी और करनी में एकरूपता लाई होती और कुछ शर्म करते हुए मजलूम, मजबूर अल्पसंख्यकों की सहायता के लिए निर्धारित बजट को तो छोड़ दिया होता।

संजय ने सामाजिक संगठन ‘तहरीर’ के माध्यम से सूबे के राज्यपाल को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक आयोग के 68 लाख 95 हज़ार रुपये खा जाने बाली अखिलेशराज की ‘तिलिस्मी’ फाइल की जांच कराकर दोषियों को दण्डित करने की माँग की है।

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Urvashi Sharma
Secretary – YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513

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