Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

अरसे बाद कोई पढ़ा-लिखा और समझदार पत्रकार केंद्रीय मंत्रिमंडल में आया है

Dayanand Pandey : अरसे बाद कोई पढ़ा-लिखा और समझदार पत्रकार केंद्रीय मंत्रिमंडल में आया है। नाम है एम जे अकबर। इस के पहले मेरी याद में पढ़े-लिखे पत्रकारों में से केंद्रीय मंत्रिमंडल में कमलापति त्रिपाठी थे। अटल बिहारी वाजपेयी थे। लालकृष्ण आडवाणी थे। अरुण शौरी थे। अटल बिहारी वाजपेयी तो प्रधान मंत्री भी रहे। बीच-बीच में कुछ दलाल पत्रकार भी मंत्री बने हैं। लेकिन उन दलालों का यहां ज़िक्र कर काहे को ज़ायका ख़राब किया जाए।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>Dayanand Pandey : अरसे बाद कोई पढ़ा-लिखा और समझदार पत्रकार केंद्रीय मंत्रिमंडल में आया है। नाम है एम जे अकबर। इस के पहले मेरी याद में पढ़े-लिखे पत्रकारों में से केंद्रीय मंत्रिमंडल में कमलापति त्रिपाठी थे। अटल बिहारी वाजपेयी थे। लालकृष्ण आडवाणी थे। अरुण शौरी थे। अटल बिहारी वाजपेयी तो प्रधान मंत्री भी रहे। बीच-बीच में कुछ दलाल पत्रकार भी मंत्री बने हैं। लेकिन उन दलालों का यहां ज़िक्र कर काहे को ज़ायका ख़राब किया जाए।</p>

Dayanand Pandey : अरसे बाद कोई पढ़ा-लिखा और समझदार पत्रकार केंद्रीय मंत्रिमंडल में आया है। नाम है एम जे अकबर। इस के पहले मेरी याद में पढ़े-लिखे पत्रकारों में से केंद्रीय मंत्रिमंडल में कमलापति त्रिपाठी थे। अटल बिहारी वाजपेयी थे। लालकृष्ण आडवाणी थे। अरुण शौरी थे। अटल बिहारी वाजपेयी तो प्रधान मंत्री भी रहे। बीच-बीच में कुछ दलाल पत्रकार भी मंत्री बने हैं। लेकिन उन दलालों का यहां ज़िक्र कर काहे को ज़ायका ख़राब किया जाए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अपने समय के सब से युवा संपादक रहे एम जे अकबर का भारतीय पत्रकारिता में बहुत बड़ा रोल है। कभी इलस्ट्रेटेड वीकली में खुशवंत सिंह की टीम में रहे अकबर पैतीस साल की उम्र में संडे के संपादक बने थे। तब संडे का सिक्का चलता था। जल्दी ही उन्होंने हिंदी में रविवार भी निकाला और हिंदी पत्रकारिता की धारा, रुख और तेवर बदल दिया। टेलीग्राफ़ निकाला और अंगरेजी अख़बारों की रंगत बदल दी। एशियन एज और इंडिया टुडे में भी रहे।

वह बिहार से चुनाव लड़ कर कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा में भी रहे हैं। अब भाजपा के मार्फ़त राज्यसभा में हैं। अकबर एक समय खालिश सेक्यूलर पत्रकार थे, भाजपा को बाक़ायदा कंडम करते हुए। पर अब खांटी भाजपाई हैं। भाजपा के प्रवक्ता भी रहे हैं। अपनी आत्मकथा के लिए भी चर्चित रहे अकबर अपने पुरखों को हिंदू बता चुके हैं। इनकी पत्नी भी हिंदू हैं। अकबर विदेश राज्य मंत्री बन गए हैं। काश कि कैबिनेट मंत्री बनाए गए होते। फिर भी बहुत बधाई एम जे अकबर, हार्दिक बधाई!

Advertisement. Scroll to continue reading.

लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार दयानंद पांडेय की एफबी वॉल से.

इसे भी पढ़ सकते हैं….

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement