अनिल जैन-
गज़ब का जिगरा है इस प्रधान सिस्टम का! इंसानियत और शर्म तो इसे छू भी नहीं सकी है।
देश में चारों तरफ मातम पसरा हुआ है। अस्पतालों में मरीजों की और श्मशानों में लाशों की कतारें लगी हुई हैं। लोग इलाज, ऑक्सीजन और दवाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।
लेकिन ऐसे दर्दनाक माहौल में भी सब कुछ भूल कर यह उत्सवजीवी सिस्टम लोगों से लोकतंत्र के उत्सव में शामिल होने का आह्वान कर रहा है।
