प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के खिलाफ बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट के महानिबंधक के समक्ष दाखिल याचिका में कहा गया गया है कि नरेंद्र मोदी के दबाव में जिला निर्वाचन अधिकारी ने गलत तरीके से उनका नामांकन खारिज कर दिया, जिसकी वजह से वो चुनाव लड़ने के अपने अधिकार से वंचित रह गए। याचिका में वाराणसी लोक सभा क्षेत्र का निर्वाचन रद्द करने की भी मांग की गई है।
तेज बहादुर ने पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नरेंद्र मोदी के खिलाफ परचा दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने बीएसएफ से अपनी बर्खास्तगी की बात कही थी। इसके बाद सपा ने उनको टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने दोबारा नामांकन दाखिल किया। दोबारा नामांकन दाखिले में तेज बहादुर ने अपनी बर्खास्तगी की बात छिपा ली। वह इस आशय की एनओसी भी नहीं दिखा सके। इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन निरस्त कर दिया था।
तेज बहादुर को उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा था। चुनाव आयोग ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी।इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। तेज़ बहादुर का कहना है की कि नरेंद्र मोदी ने नामांकन में अपने परिवार की जानकारी नहीं दी है। इसलिए उनका परचा निरस्त होना चाहिए था। एक चैनल के स्टिंग में सामने आया है कि पर्यवेक्षक चुनाव अधिकारी के कमरे में गया था। मुझे अपने मामले में जवाब देने का मौका नहीं दिया गया। नोटिस भी ऑफिस टाइम के बाद दिया गया जो गलत है।
गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में वाराणसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अजय राय ने भी मोदी के निर्वाचन को चुनौती दी थी।