Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

मोदी के नाम के साथ गाली लिखने का मामला : सावधान रहें, मीडिया के कंधे पर साजिश की बंदूक चलाई जा सकती है…

Naved Shikoh : मोदी विरोध की सुपारी! कुंठा और साजिश… फंस जायेगा मीडिया का मालिक… गोदी मीडिया के बाद अब विरोधी मीडिया सक्रिय है। इतनी बड़ी न्यूज एजेंसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली लिखने का मामला ऐसे ही नहीं हुआ है। इसमें एक बड़ी साजिश की बू आ रही है। नरेंद्र मोदी नाम के साथ जो गाली लिखी गयी है, ‘बकचोद’, उसका मोटा अर्थ है- खूब झूठ और बे सिर पैर की बातें बोलने वाला।

विपक्ष और मोदी विरोधी शक्तियां प्रधानमंत्री पर कुछ ऐसे ही आरोप लगाते रहे हैं। मोदी के धारदार भाषण जो जनता को अपकी तरफ खींचते हैं, प्रभावित करते हैं और विश्वास पैदा करते हैं, विरोधी इन भाषणों की धार को कुंद करना चाहते हैं। इन्हें झूठा और खोखला बताने की हवा बनाना चाहते हैं। पहले विरोधियों ने मोदी के भाषणों को ‘फेंकना’ कहना शुरू किया। क्रिएटिव पैनल ने फेकू नाम दिया और इस पर चुटकुले परोसे गये।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब इस लाइन को और भी विकसित करते हुए प्रधानमंत्री को हल्का साबित करने की बड़ी तैयारी के संकेत नजर आने लगे हैं। मोदी के भारी भरकम रसूक को हल्का करने की हवा फैलाने की रणनीति बनने के आसार बन सकते हैं। इस चाल को अंजाम देने के लिए मीडिया के कंधे पर साजिश की बंदूक चलाई जा सकती है।

न्यूज़ एजेंसी में प्रधानमंत्री को गाली लिखने के बाद अभी और भी मामले सामने आ सकते हैं। छोटे से छोटे अखबारों से लेकर बड़े अखबारों और न्यूज चैनलों में भी इस तरह की घटना घट सकती है। भले ही मीडिया हाउस का मालिक इसमें शामिल ना हो पर अंदर का कोई आदमी सुपारी, मोदी विरोध या सरकार को लेकर कुंठा के बहाव में इस तरह की हरकत कर सकता है। दौलत और शोहरत की लालच देकर भी किसी मीडिया कर्मी द्वारा इस तरह की साजिश को अंजाम दिया जा सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इससे बचने के लिए मीडिया के मालिकों और ऊपर के जिम्मेदार मीडिया कर्मियों को बेहद सावधान रहना पड़ेगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इनपुट-आउटपुट फीड हो, कार्डीनेशन हो या लाइव से जुड़ी सावधानियां हो। जिम्मेदार मुलाजिम कई बार लापरवाही करते हैं। इसी तरह प्रिन्ट मीडिया में एडीटर, डिप्टी एडीटर, न्यूज एडीटर, न्यूज कार्डीनेटर, चीफ सब, सीनियर सब और सब एडीटर स्तर पर लापरवाही से सोते सिपाहियों के सारे पहरों को कोई आपत्तिजनक खबर या शब्द लांघ जाता है। इस सबका फायदा उठाकर ट्रेनी या नयी भर्ती से लेकर जमा- जमाया मीडिया कर्मी मोदी विरोधी आपत्ति जनक शब्द को फ्लैश करवाने की साजिश को अंजाम दे सकता है।

बड़े बड़े मीडिया संस्थानों की तमाम कमजोरियां इस तरह की साजिश की मदद साबित हो सकती हैं। कल ही की बात है। टाप थ्री टीआरपी में शामिल एक राष्ट्रीय हिन्दी न्यूज चैनल के प्राइम टाइम डिबेट में विषय था कांग्रेस नेता संजय निरुपम द्वारा प्रधानमंत्री पर की गयी अशिष्ट टिप्पणी। इस डिबेट पैनल में समाज सेविका बताकर एक ऐसी लड़की बैठा दी गयी जो लगभग अर्ध नग्न थी। उसकी बातचीत से साफ जाहिर हो रहा था कि उसे किसी भी विषय में एक टके की समझ और ज्ञान नहीं। हां उस राष्ट्रीय चैनल के ओहदेदार समाज में से किसी की सेवा करके वो समाज सेवी जरूर बन गयी होगी। इसलिए ही उसे राष्ट्रीय चैनल की डिबेट में बैठने का मौका मिल गया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मीडिया में लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये का एक और छोटा सा वाकिया बताता हूं। लखनऊ में एक ऐतिहासिक यानी काफी पुराना अखबार निकलता है। उसका हिन्दी संस्करण भी शुरू हुआ। जोर शोर से भर्तियां शुरू हुईं। जिलां संवाददाता भी जोड़े गये। अखबार भले ही चार-पांच सौ छपता हो लेकिन कागजों में इसका प्रसार एबीसी यानी एक लाख से ज्यादा अप्रूव हो गया। जिला संवाददाता वादे के मुताबिक विज्ञापन नहीं दे सके इसलिए इन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिला। जिले वालों से सिक्युरिटी मनी ली गयी थी जिसे वापस भी नहीं किया जा रहा था।

इस कुंठा में एक जिला संवाददाता ने खबर के रनिंग मैटर में यूपी के एक प्रभावशाली क्षेत्रीय दल की मुखिया को खूब गंदी गंदी गालियां लिख दीं। ये वो नेत्री हैं जिन्हें अपशब्द लिखने पर शहर जल सकता है अखबार का दफ्तर था कहां ये ढूंढना भी मुश्किल हो जाये। इस अखबार के मालिक की किस्मत अच्छी थी कि जिला संवाददाता की कुंठा से पैदा हुई उसकी ये साजिश कामयाब नहीं हुई। अखबार छप गया था लेकिन सेंटर पर नहीं गया था। छपने के बाद किसी स्टाफ की नजर पड़ गयी और अखबार डंप करके उसे जला दिया गया था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

नवेद शिकोह
लखनऊ
9918223245

मूल खबर….

Advertisement. Scroll to continue reading.

न्यूज एजेंसी IANS ने नरेंद्र मोदी को ‘बकचोद’ लिख दिया, ब्यूरो चीफ समेत कइयों की नौकरी गई


https://www.youtube.com/watch?v=4cUPu_2CBhY

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. sacha aadmi

    September 16, 2018 at 7:55 am

    Media k log galt kare aur upar se dadagiri wah bhai….kabhi rahul gandhi k khilaf lik kar dekho ya ambedkar ke khilaf ya kisi immam shar ke bare me likho tab pata chlega ki media ki azadi kisne chini

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement