गिरीश मालवीय-

मोई जी और पुत्तन चचा के बीच हुई कल रात हुई टेलीफोनिक बातचीत लीक हो गई है। विश्वस्त सूत्र बता रहे हैं कि बातचीत कुछ यूं हुई है….
मोई जी : कौन !…. पुत्तन बोल रहा है ?
पुत्तन चचा : प्रणाम विश्वगुरु
मोई जी : अरे पुत्तन केसे हो?, सुना आजकल बड़ी धूम मचा रहे हो युक्रेन में !
पुत्तन चचा : अरे नही मोई जी, आपको याद है जब आप पिछली बार रूस आए थे तब आप हमारे लिए एक छोटा सा मोबाइल वाला खिलौना लाए थे
मोई जी : अरे !…कौन सा ?
पुत्तन चचा : अरे वही छोटा सा मोबाईल जिसमे कोई सा भी बटन दबाओ तो गाना बजता था ‘ धूम मचा ले……धूम मचा ले… धूम………तो हमने सोचा कि इस बार सच में धूम मचा ले,
मोई जी : हा हा हा, ( जोर का ठहाका ) अच्छा सुनो, मेरे पास एक अच्छा आइडिया है
पुत्तन चचा : (मोई जी को बीच में रोकते हुए) अरे नही मोई जी, पिछली बार आपने वो नाले की गैस से चाय बनाने वाला आइडिया दिया था वो बहुत गलत हो गया, आपके चक्कर में मैंने साइबेरिया के गैस के कुएं में बत्ती दिखा दी वहा जो आग लगी है वो अब तक बुझी नही हैं, बाइडेन अभी तक कपड़े फाड़ रहा है कि तुम ग्लोबल वार्मिंग कर रहे हो !
मोई जी : हा हा हा, नही भाई वैसा आइडिया नही हैं, इसमें तुम्हारा और हमारा दोनो का फायदा होगा
पुत्तन चचा : वो कैसे ?
मोई जी : देखो तुम्हे तो पता ही है कि हमारे यहां उत्तर प्रदेश में असेंबली इलेक्शन चल रहे है !
पुत्तन चचा : हां ठीक हैं ?
मोई जी : तो ऐसा है कि अभी जिस एरिए मे चुनाव होने वाले हैं उस क्षेत्र में किसान अपने खेत में आवारा पशुओं के घुस जाने से बहुत परेशान है
पुत्तन चचा : पर वो आवारा पशु केसे हो गए मोई जी कल तक तो आप उन्हे गो माता कहते थे ?
मोई जी : अरे.. पुत्तन, समझा करो वो चुनाव होने के पहले की बात है, अब हम उन्हे गो माता कहेंगे तो हमे वोट केसे मिलेंगे मैंने तो मीडिया को भी बोल दिया है कि उन्हें अब से अखबार और टीवी में आवारा ढोर ही कहे, वोट हमे किसान देते हैं गोमाता आकर थोड़ी ही ईवीएम का बटन दबाती है
पुत्तन चचा : ठीक है मोई जी आप क्या चाहते है वो बताए ?
मोई जी : पुत्तन हम चाहते है कि तुम इन सारे आवारा ढोरो को युक्रेन की बॉर्डर पर लेकर चले जाओ और इनके पीछे युक्रेन में दाखिल हो जाओ……. इससे मेरी भी समस्या हल हो जाएगी और तुम्हारी भी
पुत्तन चचा : वाह मोई जी वाह !…..
पुत्तन चचा के इतना कहते ही फोन कट गया…….