नालंदा से संजय कुमार-
सोशल मीडिया के जरिए तमाम यूट्यूबरों ने पूरी दुनिया में नाम और प्रतिष्ठा बनाई है. लेकिन विस्तार ले चुके इस संचार माध्यम ने कई विसंगतियां भी पैदा की हैं. इस कड़ी में नालंदा के यूट्यूबरों को देख लीजिये.. पूरा नाम, शोहरत यहां तक की यूट्यूब तक की प्रतिष्ठा दांव पर लगाते दिख रहे हैं.
पूरी दुनिया को ज्ञान देने वाला नालंदा इन दिनों कुछ कथित यूटयूबरों द्वारा बदनाम हो रहा है. यूट्यूब पर चैनल बनाकर जनहित की सही खबरें दर्शकों तक पहुंचाने के बजाय लोगों ने अपनी जेब गर्म रखने का आसान माध्यम बना लिया है.
बिहारशरीफ की सड़कों पर आपको अनायास ही क्रीज दार जींस-शर्ट, हाथ में माइक लिए कई यूट्यूबर रंगबाजी के साथ घूमते मिल जाएंगे. मजाल है उनके रौब से सड़क किनारे कोई भी दुकान या ठेली-गुमटी बच जाए. किसी दुकान या प्रतिष्ठान का उद्घाटन ये छोड़ते नहीं. फौरन फोटो वीडियो बनाकर खर्चा पानी के लिए हाथ फैला देते हैं. चाय-पानी करते हैं सो अलग.
खर्चा-पानी के नाम पर इनकी डिमांड छोटी मोटी रकम नहीं होती. मोटा माल मांगते हैं. तोल-मोल होते करते सामने वाला 500 रूपया तो दे ही देता है. बावजूद इसके मुंह लटकाकर निलने का इनका स्टंट तो ऐसा रहता है कि शादी के घर नेग मांगने आया किन्नर भी पानी मांगे.
नालंदा में इस वरायटी के दर्जनों तथाकथित यूट्यूबर हैं, जिनका धंधा यही है कि बिन बुलाए.. बैलून गेट देखकर वहां पहुंच जाते हैं. हद तो यह हो रही है कि अब बर्थडे पार्टी में भी बिन बुलाए मेहमान बनने लगे हैं, जन्मदिन का भी वीडियो बनाकर डाल रहे हैं. इन यूट्यूबरों के चैनल पर गृहप्रवेश का वीडियो भी देखने को मिल जाता है.
सबसे हास्यास्पद तो ये है कि इन लोगों यूट्यूब चैनल मोनेटाइज तक नहीं होते. जबकि प्रोफाइल से पता लगता है कि कई-कई साल हो गये इन्हें खुले. सबसे बड़ी बात इन यूट्यूबरों की योग्यता इनके लगाए कैप्शन से ही झलकती है कि साहब कितने काबिल हैं.
जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कोई भी सरकारी कार्यक्रम में कुछ को छोड़ बाकी चेहरे नदारद ही रहते हैं. अब तो शहर वासी इन यूट्यूबरों को उपहास कि नजरों से देखने लगे हैं. लोग कहते हैं कि 100-50 रुपया देकर दर्जनों को बुला लेंगे. इस ज्ञान कि भूमि नालंदा में कुछ यूट्यूबर ऐसे भी हैं, जिसने जनता की समस्याओं को उठाकर व अपनी मेहनत के बल पर अपने चैनल को ऊंचाई के मुकाम पर पहुंचाया है तथा यूट्यूब से उन्हें हर माह मोटी रकम मिल रही है. बिना चिंदी चोरी के.