पत्रकार को जेल भेजने के लिए भूपेश बघेल सरकार की पुलिस ने जेब में ड्रग्स की पुड़िया रख दिया!

Share the news

आलोक पुतुल-

रायपुर में धारा 504, 505(1) (b) के मामले में पुलिस ने ‘आजतक’ के पूर्व संवाददाता सुनील नामदेव के घर छापा मारा और पुलिस के अनुसार उनसे MDMA मादक पदार्थ मिला.

जिसके बाद उनके खिलाफ 21 (C) में एक और मामला दर्ज किया गया है. नामदेव कुछ समय पहले ही ज़मानत पर रिहा हुए थे.


उज्ज्वल दीपक-

छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा क़ानून की ज़बरदस्त उपलब्धि के लिए मैं @bhupeshbaghel जी को सादर धन्यवाद देना चाहता हूँ ।

‘आजतक’ के पूर्व संवाददाता @namdeo163 सुनील नामदेव को आज घर से गिरफ़्तार किया गया । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उनके घर पर छापा मारकर मादक पदार्थ बरामद किया गया।

आपको बताते चलें कि इसके पूर्व उनपर पहले ही कई मुक़दमे दर्ज दिये जा चुके हैं, उनका घर तोड़ा जा चुका है और जेल भी भेजा जा चुका है । नामदेव कुछ समय पहले ही ज़मानत पर रिहा हुए थे.

@Newstodaycg22 के नाम से वेब पोर्टल संचालित करने वाले नामदेव राज्य की भ्रष्ट सरकार के बारे में सनसनीख़ेज़ रिपोर्टिंग करते हैं । मसालेदार और कई बार बहुत ही बुरे शब्दों में और तीखी मिर्ची नमक लगाकर भी। उनकी रिपोर्टिंग किसी फ़िल्म की स्क्रिप्ट से कम नही होती है।

पर हाँ, सच्चाई बयान करने का अन्दाज़ अनोखा है। लोग चटखारे लेकर उनकी खबरें पढ़ते हैं और एक दूसरे को फॉरवर्ड भी करते हैं। कुछ महीने पहले सरकार में पदस्थ डिप्टी सेक्रेटरी चौरसिया के गिरफ़्तार होने पर कोर्ट परिसर में उनकी रिपोर्टिंग को पूरे देश ने देखा है। उसी दिन ये गिरफ़्तारी तय हो चुकी थी।

बस एक अच्छे मौक़े की तलाश में थी सरकार।

@PTI_News @ANI @FreedomofPress @pressfreedom @MIB_India @PressCouncil_IN

अब देखना ये है कि अभिव्यक्ति कि आज़ादी या प्रेस कि फ्रीडम की बातें करने वाले कब नामदेव के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे !

इस मामले की जांच एनसीबी को करनी चाहिए ..अगर ये आदेश हो गया कोर्ट से तो पुलिस वालों की हवा निकल जायेगी ..

भड़ास व्हाट्सअप ग्रुप ज्वाइन करें : BWG-11

भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849

Comments on “पत्रकार को जेल भेजने के लिए भूपेश बघेल सरकार की पुलिस ने जेब में ड्रग्स की पुड़िया रख दिया!

  • Ajai Singh bhadoriya says:

    प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया तो कुछ बोलेगा नहीं। मैं इस बात को अच्छी तरह से जानता इस। मेरे खिलाफ जब डीएम के दबाव में मुकदमा दर्ज किया गया तो पूरा प्रकरण प्रमाणिक साक्ष्यों के साथ भेजा था, जिसे प्रेस काउंसिल ने खारिज कर दिया था। इसलिए ऐसे संस्थान से न्याय की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। चाटुकारिता का दौर चल रहा है इसलिए कोई पत्रकार भी नहीं बोलेगा, क्योंकि पत्रकार बचे ही गिने-चुने हैं।

    Reply
  • विजय सिंह says:

    छत्तीसगढ़ पत्रकार संघ / छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार यूनियन को मामले में पहल करना चाहिए। किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर सरकार – प्रशासन पत्रकारों को प्रताड़ित नहीं करें।

    Reply
    • SARTHi Shiv shankar says:

      पत्रकारों के लिए बने सारे संगठनों के मुखिया सीएम के साथ फोटो सेशन के लिए पदों पर हैं।रायपुर के पत्रकार माना रायपुर जाकर सुनील जी की पत्नी से हाल चाल नहीं पूछ पा रहे।बड़े से बड़े पत्रकार को हिरासत अरेस्टिंग के 6 घण्टे तक यह नहीं पता था।कि पत्रकार सुनील को किन आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।और जिनके पास धाराओं की सूचना थी उन्हें चालान पेश होने का इंतजार ताकि मदद की जा सके।पुलिस को इन आरोपों में तीन से 6 महीने का वक्त मिल सकता है।औऱ जब कोर्ट में पुलिस चालान पेश नहीं करेगी तब तक पत्रकार संगठन क्या मदद कर सकते हैं।

      Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *