Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

नरेंद्र मोदी के मुकाबले राहुल गांधी की ये कमी कांग्रेस को बहुत टीस देती है!

संजय प्रताप सिंह

रायबरेली : प्रदेश में कभी मजबूत रही कांग्रेस आज अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। अमेठी सीट हारने के बाद कांग्रेस के पास अब रायबरेली सीट बचाने की चुनौती है। यह सीट जीतने के साथ ही कांग्रेस यूपी में अन्य सीटों पर भी अपना जनाधार बढ़ा सकती है। सोनिया गांधी द्वारा रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद कांग्रेस ने अपनी पारिवारिक सीट बचाने के लिए यहां से राहुल गांधी को उतारा है। अमेठी में जिस तरह से स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराकर कांग्रेस का एक मजबूत किला ढ़हाया है, उससे कांग्रेस अभी तक उबरी नहीं है। पार्टी जानती है कि रायबरेली से राहुल की जीत न केवल यूपी में कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि खुद राहुल गांधी के लिए भी टॉनिक साबित होगी।

कांग्रेस को पता है कि प्रधानमंत्री मोदी देशभर में लोकप्रिय हैं। वे किसी भी सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंच सकते हैं। लेकिन उन्होंने यूपी को ही चुना है और काशी सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचते हैं। कांग्रेस भी राहुल के लिए यही छवि बनाना चाहती है। इसी रणनीति के तहत राहुल 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे थे। पर इस मुहिम में अमेठी ने धोखा दे दिया और राहुल यहां स्मृति ईरानी से हार गए। वायनाड में जीत के बावजूद राहुल गांधी और पार्टी का आत्मविश्वास नहीं बढ़ सका। पार्टी जानती है कि अमेठी में राहुल गांधी की हार से कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हुआ है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

केरल की वायनाड सीट से लोकसभा पहुंचने के बाद भी कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी के कद के समकक्ष नहीं खड़ा कर पा रही है। इसकी कसक कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में है। कांग्रेस को पता है कि प्रधानमंत्री मोदी गुजरात की किसी भी सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंच सकते हैं। इसके बावजूद मोदी यूपी की काशी सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री पद का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। दूसरी ओर राहुल गांधी जिनको कांग्रेसी प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानते हैं, उन्हें जीत के लिए केरल जाना पड़ता है। यही कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी है। उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें है। जिस पार्टी को यूपी में सबसे ज्यादा सीटें मिलती हैं, वह सरकार गठन करती है। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को 62 सीटें और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी।

प्रदेश की हॉट सीटों में शुमार अमेठी व रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ होने की वजह से हमेशा चर्चा में रही है। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराकर कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी थी। यही स्थिति अब रायबरेली में बन रही है। भाजपा ने पिछली बार सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर देने वाले व वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को राहुल गांधी के सामने उतारा है। यदि दिनेश प्रताप सिंह भाजपा द्वारा दिये गये मौके को भुना ले जाते हैं तो उनका कद भी पार्टी के अंदर स्मृति ईरानी जैसा हो जाएगा। क्योंकि अमेठी में राहुल गांधी को हराने के बाद स्मृति ईरानी की गिनती भाजपा के बड़े नेताओं में होने लगी है। जबकि स्मृति ईरानी अमेठी की निवासी भी नहीं थी। जबकि दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली के ही रहने वाले हैं और पूर्व में कांग्रेस में भी रहे हैं। दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस की कमजोरी व मजबूती से अच्छी तरह वाकिफ होंगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रायबरेली सीट से भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर देने वाले दिनेश प्रताप सिंह को चुनावी रण में उतारा है। जबकि भाजपा के पास सदर से विधायक अदिति सिंह के रूप में एक बेहतर विकल्प हो सकता था। पर, पार्टी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि भाजपा द्वारा रायबरेली सीट के लिए संभावित प्रत्याशियों के आंतरिक सर्वे में भी दावेदार के रूप में उनका नाम आया होगा। अदिति सिंह के बारे में माना जाता है कि रायबरेली की जनता के बीच वह काफी लोकप्रिय है। उनकी यह लोकप्रियता उनके युवा होने के साथ ही जनता के बीच लगातार प्रवास व संवाद रहा है। उनके पिता पूर्व विधायक स्वर्गीय अखिलेश सिंह भी जनता से जुड़े रहे हैं और उन्हीं की विरासत अदिति को मिली है। दिनेश प्रताप व अदिति सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की ही रही है। बताया जाता कि दिनेश प्रताप सिंह की अपेक्षा अदिति सिंह की स्वीकारिता जनता में अधिक दिखती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group_one

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement