दोस्तों, इस सूचना के माध्यम से हम आपका ध्यान इस ओर दिलाना चाहते हैं कि अगर आप या आपका कोई मित्र, रिश्तेदार, जानकार ‘महाराणा प्रताप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स यानी ‘एमपीजीआई’ के किसी संस्थाीन में प्रवेश लेना चाहता है, नौकरी करने वाला है या किसी अन्य तरह से जुड़ने जा रहा है तो इस बात से सचेत रहे कि यह ग्रुप अपने यहां काम करने वालों के पैसे नहीं देता।
इस संस्थान का ‘नेशनल दुनिया’ के नाम से अखबार भी निकलता है। उसमें काम करने वालों को कई-कई महीने से पैसा नहीं दिया जा रहा है। अब चूंकि महीनों की मेहनत की कमाई फंसी हुई होती है, इसलिए बेचारे कर्मचारी नौकरी छोड़कर भी नहीं जा पाते हैं। यानी एक तरह से वे बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं। इसके अलावा जिन लोगों ने नौकरी छोड़ने का साहस जुटा भी लिया, उनके बकाया पैसे भी कई सालों से नहीं दिए गए हैं।
यहां तक कि ‘पीएफ’ के नाम पर काटे गए पैसे भी हड़प कर लिए गए हैं। इसलिए इस ग्रुप से जुड़ने से पहले अच्छी तरह से सोच-विचार कर लें और पुरानी लोगों से भी बात करके सचाई जान लें। यह ग्रुप बड़े-बड़े विज्ञापनों के जरिए बच्चों को आकर्षित करता है, सब्जबाग दिखाता है, मोटा पैसा खर्च करके विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है और उनमें देश के नामी-गिरामी लोगों को बुलाकर अपनी अच्छी छवि दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन आपको सावधान किया जाता है कि इस छवि के पीछे की सचाई भी जान लें।
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पत्रकार सुमन गौतम से संपर्क : suman.gautam462@gmail.com
Comments on “‘नेशनल दुनिया’ के कर्मचारियों का पैसा खा गए शैलेंद्र भदौरिया”
sab baki fake company hai a worker ka paisa kha jati hai jo v badai post per hai wo sab chamchy hai tho soch jo v national duniya join kernai ki soch raha usay phaliye bank say loan lai liye