उमेश कुमार-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ निधि उनियाल औऱ पहाड़ विरोधी स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडेय प्रकरण में मुख्य सचिव को कई निर्देश दे दिए हैं। इसमें तत्काल प्रभाव से डॉ निधि उनियाल के स्थानांतरण को स्थगित करने औऱ प्रकरण की जांच हेतु कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया है।
राजीव नयन बहुगुणा-
देहरादून : कल छिड़े डॉक्टर – नौकरशाह विवाद के अनेक पहलू हैं । लगभग 24 घण्टे बीत जाने के बाद सरकार हरकत में आई है। प्रकरण का एक दारुण पक्ष यह भी है कि सरकारी अस्पताल की डॉक्टर उस समय अपने कक्ष में आम मरीजों की भीड़ से जूझ रही थी । फिर भी उन्हें अफसर के घर जा , उसकी बीबी की तीमारदारी को कहा गया ।
ऐसा भी नही है कि इस प्रदेश में तमाम नौकरशाह किसी शहंशाह की तरह बर्ताव करते हों । परिवहन विभाग में लाइसेंस बनवाने हेतु लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे एक आला हाकिम दम्पत्ति का प्रकरण भी सुर्खियों में रहा है ।
अस्पताल की लाइन में लगे सैकड़ों मरीजों को छोड़ कर , डॉक्टर को अपने घर बुलवाने की हनक गम्भीर नहीं , बल्कि गम्भीरतम है।
यह एक गौण प्रश्न है कि बदतमीज नौकरशाह किसी बाहरी प्रान्त का निवासी है , जबकि पीड़ित डॉक्टर उत्तराखण्ड मूल की । लेकिन फिर भी इस तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती ।
मैंने अपने लगभग 15 साल के कैरियर में पूरी नौकरी बाहरी प्रान्तों में की । सदैव वहां के मूल निवासियों के सम्मान को ध्यान में रखा , और उनसे सम्मान पाया ।
इस प्रदेश के कतिपय नौकरशाह हमारे साथ किसी शाह जैसा बर्ताव कर रहे हैं । क्योंकि पाणी के धारे में ही आग लगी है । राज्य को लूटने के लिए अफसरों और मंत्रियों ने ठगबंधन स्थापित कर लिया है ।