Connect with us

Hi, what are you looking for?

आवाजाही

नवभारत टाइम्स से जाते जाते अजयदीप लाठर ने नवीन कृष्णा की कायदे से आरती उतार दी, पढ़ें इस्तीफानामा

अजयदीप लाठर नवभारत टाइम्स फरीदाबाद के ब्यूरो चीफ थे। इन्हें कोरोनाकाल में कार्यमुक्त कर दिया गया। अजयदीप ने जाते जाते आखिरी चिट्ठी में ऑफिस के एक दुर्जन पत्रकार की जमकर ख़बर ले ली… इस पत्र को nbt के व्हाटसअप ग्रुप डालने के बाद अजयदीप ने ग्रुप को लेफ्ट कर दिया। पढ़ें पत्र-


सभी को नमस्कार।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आज नवभारत टाइम्स में दूसरी पारी का खट्टे-मीठे अनुभव के साथ समापन हो रहा है। मैं उन तमाम सीनियर्स का आभारी हूं, जिन्होंने हमेशा सही दिशा दिखाई। उन जूनियर्स के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं, जिन्हें हर रोज प्रयोग होने वाली साधारण से साधारण टर्म बखूबी बताई और सिखाई। खास तौर से उन सभी की नौकरी बची रहने की दुआ करता हूं, जिन्हें एनबीटी में आने के बाद भी डीसी, एडीसी, एसडीएम, डीईओ, डीआरओ, डीईईओ, बीडीपीओ, डीडीपीओ, एसडीओ, जेई, एक्सईएन, एसई जैसे सैकड़ों आम प्रचलित शब्दों की फुल फॉर्म बार-बार बखूबी बतानी पड़ी।

लेकिन, इस सभी के बीच परम ज्ञानी नवीन कृष्णा का जिक्र विस्तार से जरूर करूंगा। ऐसा शख्स जिसको खुद कुछ करना नहीं, लेकिन अच्छा होने पर श्रेय खुद लेना होता है। प्लानिंग कोई करे, लेकिन क्रेडिट खुद ले। मेहनत कोई करे, लेकिन उसका ईनाम खुद हथिया ले। ऐसा शख्स जो अपने सहयोगियों को टारगेट कर-कर सिर्फ उनकी टांग खींचने, उन्हें परेशान करने, हर पल नीचा दिखाने की कोशिश करता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जिस स्टेशन पर भी जाए, वहां शाम होते ही अच्छी जगह बैठकर शराब और नॉनवेज की महफिल का आनन्द लेने का दबाव डाले, हर कोई इसकी जी हजूरी करे, जिससे इसे खुद के नाकाबिल होने का अहसास न हो, ये भी इनकी खूबियां हैं। चुगली-चाटी में पारंगत इस महान आत्मा पर जब कोई बात आने लगे तो यह खुद पल्ला झाड़ ले और फिर दूसरों को ही बलि का बकरा बनाने लगे। अपने निकम्मे रिश्तेदार को आगे बढ़ने का हर अवसर खुद प्रदान करे और होनहारों की बॉस लोगों की नजर में ऐसी धारणा बना दे, जैसे जानकारी तो दूर वे तो प्राइमरी स्कूल भी कभी न गए हों।

जिन लोगों के साथ इसकी नहीं बने या जो इसे आका न मानें, उन सभी को चुन-चुन कर या तो साइडलाइन करवा दे या फिर नौकरी से ही निकलवा दे, यह कला भी दूसरों को इससे सीखनी चाहिए। क्योंकि, संस्थान में करने के लिए इसके पास कोई काम नहीं होता और सिर्फ दूसरों के बारे में नकारात्मकता फैला कर अपनी जगह सुरक्षित रखने के प्रयास में हर माह तनख्वाह हासिल करना ही इसका लक्ष्य है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

स्ट्रिंगर्स व फ्री लॉन्सर को पैर की जूती समझने वाले इस शातिर के बारे में कई बार ऐसा लगता है, जैसे अब यह खुद रिपोर्टिंग शुरू करने वाला है, वरना यह फरीदाबाद पुलिस और फरीदाबाद प्रेस क्लब के व्हाट्सऐप ग्रुप में अपने गुर्गों की मार्फत खुद न जुड़ता। इसकी चाहत रहती है कि सभी सहयोगी इसे सुबह-शाम फोन कर जी-हजूरी करें। हर स्टेशन पर अपना एक चेला बनाने की इसे महारथ हासिल है, ताकि उक्त चेला (हरिराम नाई बनकर) सभी ऑफिशियल व अनऑफिशियल (एक दूसरे की घरेलू) जानकारी इसके कानों तक पहुंचाए।

यह सारा कालिया चालीसा जाते-जाते गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व डेस्क पर प्रताड़ित हो रहे उन 27-28 सहयोगियों के अनुरोध पर लिखा है, जिनको यह तंग करता है और नौकरी जाने के डर से वे मुंह नहीं खोल सकते। इनका अनुरोध था कि इसकी कारगुजारियां भविष्य में किसी अन्य साथी के लिए खतरा न बनें और बॉस लोगों तक इसकी पूरी पोल खुले।

Advertisement. Scroll to continue reading.

हे परमपिता परमेश्वर, हो सके तो इस दुर्जन को सद्बुद्धि दो। और, तीनों लोकों के ज्ञाता नवीन कृष्णा, भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। मुझे ऊपर वाले पर पूर्ण विश्वास है, न्याय जल्द होगा।

  • अजय दीप लाठर
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement