काशी से कश्मीर और दिल्ली से दार्जिलिंग तक में रहकर पत्रकारिता कर चुके दिनेश चंद्र मिश्र के बारे में खबर आ रही है कि उन्हें नवभारत टाइम्स प्रबंधन ने नोएडा ट्रांसफर कर दिया है. अभी तक काशी में रहकर नभाटा पूर्वांचल को हेड कर रहे दिनेश अब नोएडा में रहकर वेस्ट यूपी की पत्रकारिता में योगदान देंगे. बनारस में एनबीटी प्रबंधन ने फिलहाल स्टाफ न रखने का फैसला किया है. वहां विकास पाठक पहले की तरह मौजूद हैं, वही अब बनारस देखेंगे.
दिनेश ने कम समय में ढेर सारी जगहों पर काम किया है. लखनऊ यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की डिग्री लेने के बाद हिंदुस्तान लखनऊ से स्ट्रिंगर के रूप में जुड़े. 1996 में लखनऊ संस्करण की लांचिंग के वक्त शुरू हुई करियर की यात्रा में यहीं पर स्टाफर बने और गोरखपुर हिंदुस्तान ब्यूरो भेजे गए. यहां से गोंडा फिर बनारस.
हिंदुस्तान बनारस से दिनेश अमर उजाला बनारस पहुंचे. प्रमोशन लेकर. उनने सीनियर रिपोर्टर के पद पर ज्वाइन किया. उसके बाद चीफ रिपोर्टर बने. अमर उजाला बनारस के सिटी चीफ भी रहे.
अमर उजाला के तत्कालीन समूह संपादक शशिशेखर ने दिनेश को पहले जम्मू-कश्मीर भेजा. फिर एनसीआर बुला लिया. दिनेश को अमर उजाला के बच्चा अखबार काम्पेक्ट का लांचिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई. गाजियाबाद में कवि नगर अमर उजाला दफ्तर से काम्पैक्ट लांचिंग के बाद दिनेश को अमर उजाला लखनऊ लांचिंग के लिए अशोक पाण्डेय की टीम के साथ जोड़ा गया. लखनऊ अमर उजाला में उन्हें सिटी चीफ की जिम्मेदारी दी गई.
शशिशेखर हिंदुस्तान में गए तो दिनेश हिंदुस्तान के कानपुर संस्करण में अशोक पाण्डेय के साथ पहुंचे. यहां बुंदेलखंड भ्रमण के साथ हर जिले में जाकर विशेष खबरों पर काम करने का काम सौंपा गया.
हिंदुस्तान अखबार में नवीन जोशी व शशिशेखर की टकराव का पहला शिकार दिनेश बने. उसके बाद वे दैनिक जागरण चले गए.
दैनिक जागरण पटना के शैलेंद्र शुक्ला ने दिनेश को दैनिक जागरण सिलीगुड़ी में भेजा. सिलीगुड़ी से सिक्किम तक की सड़कों को नापते हुए दिनेश घुमंतू रिपोर्टर बन गए. इन्हें रोमिंग जर्नलिस्ट का नाम दे दिया गया. अब रोमिंग जर्नलिस्ट के नाम से दिनेश का ब्लाग है. एफबी पर भी ये रोमिंग जर्नलिस्ट के नाम से ही हैं.
प्रभात रंजन दीन के साथ कैनविज टाइम्स लखनऊ, अशोक सिंह के साथ श्रीटाइम्स लखनऊ के हिस्से रहे दिनेश बाद में नवभारत टाइम्स से जुड़े. लखनऊ संस्करण की लांचिंग के समय उन्हें प्रयागराज की जिम्मेदारी दी गई. वाराणसी से नरेंद्र मोदी 2014 में चुनाव जीते तो प्रयागराज से वाराणसी भेज दिया गया. बीच में कुछ वक्त के लिए एनबीटी लखनऊ में भी कार्यरत रहे.
अब ये अपनी सेवाएं नवभारत टाइम्स के नोएडा आफिस में देंगे.