राघवेंद्र दुबे भाऊ-
एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड से इस्तीफा दे दिया है । एनडीटीवी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को प्रणय रॉय और राधिका रॉय के इस्तीफे की जानकारी दे दी है ।
प्रणय रॉय और राधिका रॉय के इस्तीफे बाद संजय पुगलिया, सुदीप्त भट्टाचार्य, सेंथिल सिनेया चेंगलवार्यन को तत्काल प्रभाव से आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में डायरेक्टर नियुक्त किया गया है । अडानी ग्रुप ने सोमवार को एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सा अधिग्रहित कर लिया था ।
एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी ने सोमवार को कहा था कि उसने अपनी इक्विटी पूंजी के 99.5 फीसदी शेयरों को अडानी ग्रुप के स्वामित्ल वाली वीसीपीएल को ट्रांसफर कर दिए हैं । इन शेयरों के ट्रांसफर से अडानी ग्रुप को एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी मिल जाएगी । वहीं, अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी में और 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए मार्केट में ओपन ऑफर लाने का ऐलान किया था । इसके साथ ही अडानी ग्रुप ने 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी के लिए भी खुली पेशकश की है ।
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि एनडीटीवी को खरीदना एक व्यावसायिक अवसर नहीं बल्कि उनकी जिम्मेदारी थी । आजादी का मतलब सही को सही और गलत को गलत कहना है । उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने कुछ गलत किया है तो आप कहें कि यह गलत है । वहीं सरकार अगर कुछ अच्छा कर रही है तो आपके पास उसे अच्छा कहने का भी साहस होना चाहिए ।
सलाम रवीश कुमार
बीते कुछ सालों से एनडीटीवी की पहचान और साख रवीश कुमार के शो ‘ प्राइम टाइम ‘ से ही थी । सच और सत्ता का दुश्चक्र जानने के उत्सुक लाखों दर्शकों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता था । सच यही है कि सरकार के सामने रेंगती , बिछी और तलवा चाट पत्रकारिता के इस दौर में रवीश कुमार वास्तविक और पत्रकारीय धर्म – दायित्व का एकमात्र चेहरा रहे । कोई पत्रकारीय साख या कैप्टिव दर्शक वर्ग तो था नहीं एनडीटीवी का सिवाय रवीश कुमार के सांध्यकालीन प्राइम टायम के ।
इतिहास याद रखेगा एक सच्चे पत्रकार से परम शक्तिशाली सत्ता का डर जाना, हिल जाना । इतिहास याद रखेगा किसी सरकार की किसी पत्रकार को बेरोजगार करने की कोशिश ।
- राघवेन्द्र दुबे
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