जेपी सिंह (वरिष्ठ पत्रकार, प्रयागराज)–
पूंजी बाजार रेगुलेटर सेबी ने एनडीटीवी (न्यू दिल्ली टेलीविजन)के तीन प्रमोटर्स प्रणय रॉय, राधिका रॉय और आरआरपीआर होल्डिंग पर 27 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई है। इसमें से 25 करोड़ रुपए के अलावा 2 करोड़ रुपए अलग से पेनाल्टी लगाई गई है।सेबी ने गुरुवार को जारी एक सर्कुलर में यह जानकारी दी है। सेबी ने 45 दिनों के अंदर पेनाल्टी जमा कराने का आदेश दिया है।
सेबी ने 52 पेज के आदेश में कहा है कि आरआरपीआर होल्डिंग ने 21 जुलाई 2009 को जो लोन लिया था वह आईसीआईसीआई बैंक से 14 अक्टूबर 2008 के लोन को चुकाने के लिए लिया गया था। यह देखने को मिला कि वीसीपीएल ने जो लोन दिया उस पर कोई भी ब्याज नहीं लिया,जबकि आईसीआईसीआई बैंक से जो लोन लिया गया था उस पर 19 पर्सेंट की दर से ब्याज चुकाया गया।
वीसीपीएल के साथ शेयरों के कनवर्जन का भी लोन एग्रीमेंट में क्लॉज था। यह भी पाया गया कि आरआरपीआर होल्डिंग को प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने 1.15 करोड़ शेयरों को ट्रांसफर किया। इससे आरआरपीआर के पास कुल शेयरों की होल्डिंग बढ़कर 1.63 करोड़ हो गई। यह एनडीटीवी के कुल शेयरों का 26 पर्सेंट था। यह पाया गया कि आरआरपीआर होल्डिंग के पास इस शेयर के ट्रांसफर से पहले केवल 47.41 लाख शेयर ही थे। इसके अलावा कोई असेट्स नहीं थी।
सेबी ने कहा कि ऐसी ढेर सारी शर्तें थीं, जिनका पालन नहीं किया गया। इसमें ढेर सारी सूचनाएं ऐसी थीं जो बहुत ही सेंसिटिव थीं। इससे पहले पिछले महीने ही प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर दो साल के लिए सिक्योरिटीज बाजार में कारोबार पर सेबी ने रोक लगा दी थी। यह कार्रवाई भेदिया कारोबार में संलिप्तता के चलते की गई थी। सेबी ने दोनों को 12 साल पहले की भेदिया कारोबार गतिविधियों से अवैध तरीके से कमाए गए 16.97 करोड़ रुपये लौटाने को भी कहा है।
सेबी ने कहा है कि उसे 26 अगस्त 2017 में क्वांटम सिक्योरिटीज से शिकायत मिली थी। यह शिकायत एक लोन के संबंध में थी जिसमें प्रणय रॉय, राधिका रॉय और आरआरपीआर होल्डिंग को पार्टी बनाया गया था। इसमें आईसीआईसीआई बैंक और एक अन्य कंपनी भी पार्टी थी। सेबी ने कहा कि आरआरपीआर होल्डिंग और आईसीआईसीआई बैंक के बीच 14 अक्टूबर 2008 को लोन एग्रीमेंट हुआ था। जबकि 21 जुलाई 2009 को एनडीटीवी के प्रमोटर्स और वीसीपीएल के बीच 350 करोड़ रुपए के लोन का एग्रीमेंट हुआ।
इसी तरह से 25 जनवरी 2010 को एनडीटीवी प्रमोटर्स और वीसीपीएल के बीच 53.85 करोड़ रुपए के लोन का एग्रीमेंट फिर हुआ। सेबी ने पाया कि आईसीआईसीआई लोन एग्रीमेंट में कई सारी शर्तें थीं,जिसमें कुछ मामलों में बैंक की मंजूरी जरूरी थी। इसमें एक कॉर्पोरेट रिस्ट्रक्चरिंग का भी मामला था। साथ ही इस लोन एग्रीमेंट का खुलासा करना था जो एनडीटीवी ने नहीं किया।
इसके बाद प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आरआरपीआर होल्डिंग से शेयरों को ट्रांसफर या प्राप्त किया। यह शेयर इन लोगों को बाजार बंद होने के बाद मिला या ट्रांसफर किया गया। इसमें यह पाया गया कि पब्लिक शेयर होल्डर्स जो हैं उनको सही सूचना नहीं दी गई। इसमें यह पाया गया कि इस तरह के कारोबार में कंपनी, प्रमोटर्स ने माइनॉरिटी शेयर धारकों के साथ धोखाधड़ी की।