न्यूज 18 इंडिया के एंकर अमन चोपड़ा की एक रिपोर्ट वायरल हो रही है. रिपोर्ट पूर्व पत्रकार व कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला की किताब, ‘Scars Of 1947: Real Partition Stories’ पर आधारित है. क्रिकेट मैच से संबंधित यह रिपोर्ट अमन चोपड़ा ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा है, ‘अब अगर राहुल गांधी को भी लगता है कि स्टेडियम में मोदी की मौजूदगी की वजह से टीम मैच हार गई। तो वो तो ख़ुद भी अहमदाबाद जा सकते थे टीम का हौसला बढ़ाने। बहन के साथ कराची तक चले गए थे 2004 में भारत-पाक मैच देखने के लिए।’
1.50 सेकंड के वीडियो क्लिप में अमन चोपड़ा की इस रिपोर्ट को कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने जवाब दिया है. सुप्रिया ने लिखा, ‘मान्यवर, अमूमन तो आपके बेसिर पैर की बातों पर मुझे हंसी आती है, लेकिन आपकी इतनी उत्कृष्ट रिपोर्टिंग देख आज थोड़ा लिख डाला.
कराची में मई 2004 को खेले गये जिस मैच का ज़िक्र आप कर रहे हैं, पाकिस्तान के साथ उस सीरीज की अनुमति तो श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ख़ुद दी थी जो तत्कालीन प्रधानमंत्री थे. टीम के पाकिस्तान जाने से पहले उनको PM आवास पर चाय पर बुला कर तबके कप्तान सौरव गांगुली से यह भी कहा था, सीरीज ही नहीं दिल भी जीत कर आना.
कराची स्टेडियम में उस मैच के लिए वाजपेयी के कैबिनेट मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे और फिर उसके बाद लाहौर वाले मैच के लिए तो तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्र, PM वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य भी पाकिस्तान पहुँचे थे- उनका ज़िक्र करना लगता है आप भूल गये या शायद नैरेटिव में फिट नहीं बैठा. राजीव शुक्ला जी ने बिलकुल साफ़ तौर से लिखा है कि प्रियंका जी और राहुल जी ने दोनों ही टीमों के साथ फोटो खिंचावाईं और यह भी लिखा है कि PIA की फर्स्ट क्लास वाली रेगुलर फ्लाइट थी. इसको भी तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने की आपकी मजबूरी मेरी समझ से बाहर है.
वैसे जिस बात का ज़िक्र करना आप भूल गये वो यह है कि मैच बहुत रोमांचक था, अंतिम ओवर तक साँसें थमी हुई थीं. पाकिस्तान की संभावित हार पर कोई अनहोनी ना घट जाये इसीलिए कराची के सुरक्षाकर्मियों ने प्रियंका जी, राहुल जी और जेटली जी को पहले ही वहाँ से निकलने की हिदायत दी- जिससे सबने इनकार कर दिया.
और जब आशीष नेहरा ने अंतिम ओवर में शानदार गेंदबाज़ी की और हम जीते तो सब ख़ुशी से झूम उठे. तस्वीरों में आप प्रियंका जी और जेटली जी को देख सकते हैं. जिसके बाद प्रियंका जी और राहुल जी ख़ुशी मनाने के लिए जनरल स्टैंड में चले गये थे. मैच देखने और वहाँ जाकर श्रेय लेने में बहुत अंतर है. मैच देखने तो बहुत लोग जाते हैं- लेकिन श्रेय लेने और ट्रॉफी वितरण करने तो मैचिंग कपड़ा सिलवा कर श्रीमान मोदी ही पहुँचे थे अहमदाबाद. वरना ट्रॉफी तो ICC का चेयरमैन देता है वर्ल्ड कप विजेता को.
चरणवंदन और ज़ोर शोर से करो लेकिन किताबों और ऑर्टिकल से जब कोट करो तो आधा अधूरा, काट छाँट कर, जो आपके नैरेटिव को सूट करता है वो करना बेमानी है. और कौन कहाँ जाएगा क्या अब उसकी नसीहत TV एंकर देंगे? वैसे राजीव शुक्ला जी की किताब का वो अंश मैं साँझा कर देती हूँ, लोग ख़ुद ही पढ़ लें, साथ में तस्वीरें भी हैं.