न्यूज नशा (News Nasha) देश का उभरता हुआ डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म है. समाचार आउलेट की तरफ से बीती 18 दिसंबर को “सांस- An environmental conclave 2023” का आयोजन किया गया था. देश की राजधानी दिल्ली के ले मेरिडियन में आयोजित इस कॉन्क्लेव में कई जानी मानी हस्तियों ने शिरकत की और विभिन्न मुद्दे उठाए. इन्हें हल कैसे किया जाए, इसके जवाब भी तलाशे गए.
कॉन्क्लेव की शुरुआत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के उद्बोधन से हुई. इसके बाद शाम करीब चार बजे तक कई सत्रों में तमाम दिग्गजों ने अपने अपने विचार साझा किए. कॉन्क्लेव में ‘न्यूज नशा’ की एडिटर-इन-चीफ और CEO विनीता यादव ने दिग्गजों से पर्यावरण, राजनीति समेत कई मुद्दों पर चर्चा की.
बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, उन्हें चार दिन दिल्ली में रह कर ही इन्फेक्शन होने लगते है. दिल्ली में 40-45 प्रतिशत पॉल्यूशन ट्रांसपोर्ट से होता है. उन्होंने अपने मंत्रालय द्वारा उठाए गए और उठाए जाने वाले मुख्य कदमों का उल्लेख किया.
कॉन्क्लेव के एक सेशन में उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा नेता अखिलेश यादव भी शामिल हुए. उन्होंने कहा, पर्यावरण तब ही शुद्ध होगा जब बीजेपी देश से हटेगी. अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार द्वारा ईडी के गलत इस्तेमाल करने पर कहा कि, बीजेपी सरकार कांग्रेस के कदम पर चल रही है. जैसे कांग्रेस बर्बाद हो गई, वैसे ही बीजेपी भी बर्बाद हो जाएंगी. इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दिए गए अपने नारे 80 हटाओ भाजपा भगाओ का ज़िक्र भी किया.
कार्यक्रम के एक सत्र में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान भी शामिल हुए. चिराग पासवान ने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के नारे देने वाले अपने नेपोटिज्म से लड़ाई का भी किस्सा साझा किया. फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ अब काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, अगर अब मुझे उनके साथ काम करना होता तो वो मुझे भी नेपोटिस्म के नाम पर काफी कुछ कह देती. पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री बनने के इच्छा को प्रकट करते हुए कहा कि, मुझे खुद की लकीरें इतनी बड़ी करनी है कि उसे कोई दूसरा देख कर लौट जाए.
NDMC के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय के अलावा देश के जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर सोनू शर्मा भी कार्यक्रम के एक सत्र में शामिल हुए. शर्मा ने दिल्ली की बदलती हवा के बारे में कहा कि, अब प्रकृति ने मनुष्य से बदला लेना शुरु कर दिया है. इंसान प्रकृति से पानी, हवा और खाना लेना जनता है. लेकिन बदले में कुछ वापस नहीं करता है. वर्तमान की छोटी छोटी गलतियां भविष्य के लिए बड़ी दिक्कत बन रही है.