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न्यूज़ नेशन 10 लाख माँग रहा था, मैंने कह दिया- अलविदा!

Syed Kashif Samar-

न्यूज नेशन के साथ हमने लगभग 12 साल काम किया। शुरू में तो चैनल बहुत ही बढ़िया चला कोई रिपोर्टर पर दबाव नही था केवल खबरों का दबाव था, वो होना भी चाहिए एक पत्रकार के लिए। लेकिन चैनल जब जब नए लोगों के हाथ में आता गया रिपोर्टर पर विज्ञापन के लिए तरह तरह के दबाव बनाते गए। लेकिन रिपोर्टर भी सभी दबाव को झेलता रहता था।

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ए सी में बैठे लोगों को इतना नहीं पता कि मार्केट की स्थिति क्या है, बस आदेश कर दिए कि 10 लाख देना है और सेलरी के नाम पर एक स्टोरी का 50 रुपए से सौ रुपए।

कल रात में चैनल से फोन आया कि 15 अगस्त आ रहा है, भीख चाहिए, न्यूज़ नेशन को विज्ञापन। आज फिर चैनल से फोन आया कि कॉन्क्लेव पर आप कितना दे देंगे तो मैंने बोला कि बहुत होगा तो एक से 2 लाख के बीच में दे दूंगा वो भी चैनल के नाम पर नही अपने व्यवहार पर तो जवाब आया कि कम से कम 10 लाख.

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आप खुद सोच सकते है एक रिपोर्टर इतना पैसा कहा से देगा लेकिन ये रिपोर्टर का दर्द समझने वाला कोई नहीं है । इसलिए आज 12 साल से सफलता पूर्वक काम करने के बाद मैं खुद चैनल छोड़ रहा हू । क्या करे अब अगर चैनल में काम करना है तो पुस्तैनी जमीन बेचिये नही तो निकाल दिए जायेंगे

अलविदा न्यूज़ नेशन।

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जहां तक मेरी समझ है न्यूज़ नेशन चैनल तो देश के टॉप 7 न्यूज़ चैनल में भी नहीं आता! ऐसे में जब उसके रिपोर्टर से 10 लाख रू नोएडा में बैठे एडिटर/मालिक मांग रहे हैं तो जो, टॉप फाइव न्यूज़ चैनल है और वे सब अपने आपको नंबर वन बताते हैं वो चैनल विभिन्न शहरों में बैठे हुए अपने रिपार्टर से हर महीने कितनी डिमांड करते होगें Any guess? – गिरीश मालवीय

यह काम पहले करना चाहिए था। जो लोग रिपोर्टर बने रहने के लिए कुछ भी करते हैं, कुछ भी सहते हैं वो रिपोर्टर होने की आड़ में बहुत कुछ करते हैं। यही हकीकत है। -अजिताभ सिन्हा

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एक आंचलिक पत्रकार पर आज बीमा एजेंट से ज्यादा टारगेट है और टारगेट देने का जिम्मा ज्यादातर संपादकों पर है! -पुष्य मित्र

हम अखबार में बतौर आंचलिक रिपोर्टर है. साल के 12 महीने में 12 से अधिक त्यौहार है और सभी त्योहार पर विज्ञापन के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं. -मनोज कुमार

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भाई आपने बहुत ही अच्छा किया रिपोर्टर खबर देने के लिए होता है ना कि अवैध उसूली कर के चैनल को देने के लिए। काशिफ भाई हर कोई अपना ज़मीर नहीं बेच पायेगा। -मसरूर अली

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2 Comments

2 Comments

  1. Syed Mazhar Husain

    August 3, 2023 at 9:19 am

    काशिफ़ सही फ़ैसला मीडिया संस्थान में अधिकार यहीं देखने को मिलता है लोग यहीं समझते हैं कि रिपोर्टर को पहले थमा दिया बस अब वह दुहेगा और हम उसको बताएंगे ज्यादा लोग बस दलाली पर आमादा है आपका फैसला बिल्कुल सही है ऐसी जगह रहने से फ़ायदा नहीं, आप एक इमानदार और निष्पक्ष पत्रकार करते हैं ये सभी जानते हैं, आपका भविष्य उज्जवल हो यही दुआ है , सही जगह अपनी बात राखी है यशवंत भाई के भड़ास का कमाल देखियेगा यहीं जगह है मन की बात कहने और सच लिखने का हमने तो यशवंत भाई की जानेमन जेल तक का सफर देखा है और पढ़ा है 8840089927

  2. अंकुर सिंह

    August 4, 2023 at 9:12 am

    सभी चैनलों का लगभग यही हाल है।
    अगर आप विज्ञापन के नाम पर मोटी रकम नही दे सकते है तो चैनल आप छोड़ने के लिए बोलेंगे।
    हो भी क्यो न कुछ रिपोर्टर अवैध वसूली करके चैनल के मालिकों को मामला माल करते है। जिस वजह से अन्य रिपोर्टर को भी यही करना पड़ता है।

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