Yashwant Singh-
काका ने उघोगपति संजीव गोयनका की मैगजीन Open में खुलासा किया है- “मैं ताकत, चमक दमक, शोहरत से हमेशा कोसों दूर रहा हूँ”
सुबेरे सुबेरे कक्काजी कहिन पढ़ सुन के दिन बन जाता है। ऐसा सत्यवादी हरिश्चन्द्र पीएम पाकर ये राष्ट्र गदगद है।
बाई द वे कक्काजी ओपन मैगज़ीन में काहे इंटरव्यू दिए? जब ताक़त चमक दमक शोहरत फ़ैशन से कोई लेना देना नहीं तो ओपन का पन्ना काहे ओपन किया भाई?
कक्का जी के मन को समझने के लिए बस एक फ़ार्मूला अपनाता हूँ, रिज़ल्ट हंड्रेड परसेंट कारगर आता है। ये बंदा जो भी कहे, ठीक उसका उल्टा मतलब समझो, गुत्थी सुलझ जाएगी!
Deepak Sharma-
अंधेरी रात में मलबे पर सैकड़ों तस्वीरें खिंचवाने के बाद,
कर्नाटक,गोवा,एमपी में सरकारें गिराने के बाद,
कुछ पसंदीदा कारपोरेट की दौलत दसगुना करने के बाद,
मोदीजी ने उघोगपति संजीव गोयनका की मैगजीन Open में खुलासा किया.. “मैं ताकत, चमक दमक, शोहरत से हमेशा कोसों दूर रहा हूँ”
ऊँ नमो
Vijay Shanker Singh-
प्रधानमंत्री की एक और बड़ी उपलब्धि है कि वे प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते हैं। इंटरव्यू वे ज़रूर देते हैं। कभी आम खाने के तरीके पर वे ज्ञान देते हैं, तो कभी अपने ‘न थकने’ का रहस्य उजागर करते हैं, कभी बादलों से राडार के बहकने पर ज्ञान देते हैं, कभी शबनम की बूंदों से अपने हांथ धोने का हुनर साझा करते है, आदि आदि। पर बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर बात कर के वे अपना वक़्त जाया नही करते हैं। यह सब तो राजकाज है। यह सब चलता रहता है। और इसे देखने के लिये ईश्वर है ही।
उनका एक ताजा इंटरव्यू एक पत्रिका में छपा है। उनके विचार पढ़े,
“दुनिया की नजरों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री होना बहुत बड़ी बात हो सकती है लेकिन मेरी नजर में यह लोगों के लिए कुछ करने का एक अवसर है।मानसिक रूप से मैं खुद को सत्ता, चकाचौंध और ग्लैमर की इस दुनिया से अलग रखता हूं, और उसके कारण, जैसे ही मुझे कोई और जिम्मेदारी दी जाती है तो मैं एक आम नागरिक की तरह सोचता हूं और उसे पूरा करने के लिये, अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ जाता हूं।”